भुवनेश्वर. पिछले करीब एक सप्ताह से पूरा ओडिशा गर्मी की तपिश में झुलस रहा है. रविवार को भी इसमें राहत नहीं मिली. दोपहर 2.30 बजे तक एक बार फिर भुवनेश्वर सबसे गर्म शहर रहा. राजधानी में तापमान 43.2 डिग्री दर्ज किया गया. क्योंझर में 42.7 डिग्री, चांदबली में 42.2 डिग्री, बालेश्वर में 41.4 डिग्री, राउरकेला में 40.6 डिग्री, झारसुगुड़ा में 39.9 डिग्री, संबलपुर में 39.4 डिग्री अधिकतम तापमान रिकॉर्ड हुआ. यह जानकारी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने दी है. भुवनेश्वर और कटक दोनों में आज असहनीय गर्मी पड़ रही है. इस बीच राजधानी भुवनेश्वर में तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 13 जिलों को 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. 17 जिलों को ऑरेंज चेतावनी दी गयी है. मौसम केंद्र की जानकारी के अनुसार 30 तारीख तक असहनीय गर्मी का एहसास होगा.
झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़ समेत 13 जिलों में भीषण गर्मी की आशंका
उत्तरी, पश्चिमी और आंतरिक ओडिशा के कुछ जिलों के लिए रेड अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है. अगले 24 घंटों के लिए मयूरभंज, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, क्योंझर, ढेंकनाल, बौध, बलांगीर, संबलपुर, नुआपाड़ा, अनुगूल, जाजपुर और खुर्दा जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह, कटक, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालेश्वर, केंद्रपाड़ा, सोनपुर, मलकानगिरी, कालाहांडी, कंधमाल, गंजाम, गजपति, नयागढ़, नवरंगपुर, देवगढ़, बरगढ़ और रायगड़ा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने कोरापुट और पुरी के लिए पीली चेतावनी जारी की है.
सिमिलिपाल में 46 स्थानों पर जल रहा जंगल, वन्यजीवों को खतरा
मयूरभंज जिले में 2750 वर्ग किमी में फैले सिमिलिपाल वन्य अभयारण्य में जंगल की आग तेजी से फैलती जा रही है. जंगल में लगी आग के कारण पूरा वातावरण धुआं-धुआं दिख रहा है. वन विभाग के मुताबिक, सिमिलिपाल में कुल 46 स्थानों पर जंगल में आग लगी हुई है. शनिवार सुबह तक कुल 35 स्थानों पर आग लगी हुई थी. आसीसीएफ के मुताबिक, उत्तरी सिमिलिपाल में 22, जबकि दक्षिणी सिमिलिपाल में 13 स्थानों पर आग लगी हुई है.
आग बुझाने को 300 स्क्वार्ड का गठन
वन विभाग और ओड्राफ की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं. करीब 300 स्क्वार्ड का गठन आग बुझाने के लिए किया गया है. अभयारण्य में आग के कारण वन्यजीव और मूल्यवान पेड़ खतरे में हैं. जंगल में लगी आग के कारण भारी संख्या में वन्यजीव आवास की तलाश में भटक रहे हैं. अगर वे इस दौरान शिकारियों या ग्रामीणों की पकड़ में आते हैं, तो उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है. हालांकि, लोगों को वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों का जागरूक किया गया है. अगर कोई वन्यजीव गांवों के आस-पास दिखता है, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करने के लिए लोगों को कहा गया है.
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