Jharsuguda News: झारसुगुड़ा को ब्रजराजनगर से सीधे जोड़ने के लिए झारसुगुड़ा ब्लॉक के जामपाली वाया जमेरा ईब नदी पर नाबार्ड कि मदद से 2018 में ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था. इसकी डेडलाइन भी 2021 में समाप्त हो चुकी है. लेकिन आज भी यह निर्माणाधीन है. परियोजना शुरू होने के समय इसकी जो लागत थी, उसे नाकाफी बताकर ठेकेदार ने हाथ खींच लिया. जिसके बाद अनुमानित लागत को संशोधित करने के लिए बार-बार मांग होती रही है, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका. नतीजतन निर्माण अधूरा पड़ा है. लागत में संशोधन के लिए विभागीय प्रबंधन के पास प्रस्ताव भी दिया गया था, मगर आज तक मंजूर ही नहीं हो पाया. जमेरा के पास ईब नदी पर सेतु निर्माण होने से झारसुगुड़ा ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों से ब्रजराजनगर की दूरी काफी सिमट जाती. दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग-49 पर स्थित पुराने, जर्जर व खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके पुराने सेतु पर लगनेवाले महाजाम से भी मुक्ति मिलती. ब्रजराजनगर में सिद्ध देवी पीठ रामचंडी जैसे दर्शनीय स्थल भी हैं, जिससे अन्य स्थानों को जोड़ने में सहायता मिलेगी. जिससे इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी. इसे ध्यान रखते हुए ईब नदी पर सेतु निर्माण की योजना सरकार ने बनायी थी.
49.01 करोड़ की लागत से बनना था 630 मीटर सेतु
2018 में ईब नदी पर सेतु निर्माण के लिए 49.01 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया था. 18 स्पैन वाले तथा 630 मीटर लंबे इस सेतु के लिए झारसुगुड़ा पीडब्ल्यूडी (रास्ता व भवन) विभाग ने टेंडर निकाला था. बालाजी इंजिकॉन प्राइवेट लिमिटेड को इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. परियोजना का निर्माण कार्य 17 मार्च, 2021 तक पूरा होने की बात उस समय कही गयी थी. मगर अवधि के समाप्त होने के बाद भी तीन वर्ष बीत गये हैं. सेतु का काम आधा-अधूरा पड़ा है. इसमें करीब 18 करोड़ रुपये भी खर्च हो चुके हैं. दूसरी ओर अब संबंधित ठेका संस्था काम नहीं कर रही है. ठेका संस्था ने इसकी समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है और संशोधित लागत की मंजूरी का इंतजार कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है