Rourkela News: बिरमित्रपुर नगरपालिका की ओर से सरकारी जमीन पर कब्जा कर घर बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत बुधवार को बिरमित्रपुर मिस्त्री दफेई स्थित मो नाैशाद के निर्माणाधीन घर को तोड़ दिया गया है. इस अवसर पर बिरमित्रपुर थाना प्रभारी वंदना पात्र, एएसआइ सुनील महापात्र, नगरपालिका के कार्यकारी अभियंता चित्तरंजन साहू, सुब्रत पटनायक, हेमंत तिवारी, दिलीप साहू, टीपीडब्ल्यूओडी विभाग के कर्मचारी व नगरपालिका के मौजूद थे. बुधवार दोपहर एक बजे नगरपालिका के कर्मचारियों की टीम गांधी रोड के पास स्थित कविराज ढिपा में स्थित मो नाजिम, शबनम खातून, हुसैना बानो, जासिमा खातून, नफीसा खातून, रुकेशा खातून का घर तोड़ने पहुंची थी. लेकिन बस्ती की महिलाओं ने इसका विरोध किया, जिससे वहां पर तनाव की स्थिति देखी गयी. थाना प्रभारी द्वारा उत्तेजित महिलाओं को समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ. जिसके बाद नगरपालिका के कर्मचारी लोगों को दीपावली के बाद अपना घर स्वयं तोड़ने की सलाह देकर वहां से निकल गये.
प्रधानमंत्री आवास योजना से बना है मो नाजिम का घर
इस बीच पता चला है कि नगरपालिका के कर्मचारी कविराज ढिपा में जिस मो नाजिम का घर तोड़ने गये थे, वह घर प्रधानमंत्री आवास योजना में बना है. इसके लिए मो नाजिम को दो डिसमिल जमीन के पट्टा के साथ नगरपालिका की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर कार्यादेश प्रदान किया गया है. इसमें नाजिम के प्लिंथ लेबल करने के बाद गत 18 जून, 2024 को उसके खाते में एक लाख रुपये की प्रथम किस्त भेजी गयी थी. बाद में नगरपालिका कर्मचारियों ने फोटो उठाकर जिओ टैग करने के बाद द्वितीय किश्त के तौर पर गत 17 अक्तूबर, 2024 को 60 हजार रुपये की राशि आ चुकी है. वहीं वर्तमान घर की ढलाई करने के लिए घर में सेंट्रिंग चल रही है. जिससे यहां पर यह चर्चा है कि यदि यह मकान नाजिम ने सरकारी जमीन पर बनाया है, तो नगरपालिका कर्मचारियों की ओर से किस तरह से 1.60 लाख रुपये की राशि प्रदान की गयी. वहीं उसका मकान तोड़ा जाता है, तो उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा.
महिलाओं ने नगरपालिका के कर्मचारियों पर लगाया परेशान करने का आरोप
बस्ती की महिलाओं का कहना है कि नगरपालिका की ओर से सर्वे कर यहां के लाभुकों का चयन किया गया है. साथ ही बस्ती की शबनम खातून का घर रैयती प्लॉट पर है. इसके बाद भी नगरपालिका की ओर से उसे किसी प्रकार की नोटिस जारी नहीं कर अचानक घर तोड़ने के लिए पहुंच जाने से उसने भी इसका विरोध किया. साथ ही सवाल किया है कि तहसील अथवा आरआइ कर्मचारी की अनुपस्थिति में नगरपालिका कर्मचारी व पुलिस कार्रवाई करने कैसे पहुंचे थे. बस्ती के निवासियों का आरोप है कि बिरमित्रपुर नगरपालिका के एक कर्मचारी द्वारा जान-बूझकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. वहीं इस बाबत बिरमित्रपुर नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी रश्मिरंजन दाश को पूछने से उनका कहना था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों की ओर से चिह्नित जमीन के स्थान पर अन्य स्थान पर मकान बनाया जा रहा है. इसकी जांच कर उपयुक्त कार्रवाई की जायेगी.
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