Bhubaneswar News: भुवनेश्वर में जनजातीय गौरव दिवस शुक्रवार को धूमधाम व उत्साह के साथ मनाया गया. इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का मुख्य आयोजन बिहार के जमुई में हुआ. भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भाग लिया. वे वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय के विकास के लिए 1535 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि बिरसा मुंडा हमारे स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा थे. उनका संघर्ष स्वर्ण अक्षरों में अंकित है और हमेशा रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमारे जनजातीय समुदाय की समृद्ध परंपरा को सम्मानित करने का दिन है. उन्होंने इस अवसर पर महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद लक्ष्मण नायक, रत्ना नायक, चक्रा विषोई, डोरा विषोई और रेंडो माझी जैसे देशभक्तों के बलिदान और त्याग को भी याद किया. उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों ने हमारे देश के इतिहास और संस्कृति को एक नयी पहचान देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिरसा मुंडा का संघर्ष और योगदान देश और समाज के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा. उनका जीवन जनजातीय समाज के उत्थान और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है. कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला, खान, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद नायक, उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, स्कूल और जनशिक्षा, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक समुदाय और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नित्यानंद गोंड और भुवनेश्वर सांसद अपराजिता षाड़ंगी ने हिस्सा लेकर भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद किया और आदिवासियों के विकास के लिए उठाये जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला. अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव विष्णुपद सेठी ने स्वागत भाषण दिया और अनुसूचित जनजाति निदेशक इंद्रमणि त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
भुवनेश्वर में 100 करोड़ से बनेगा जनजातीय संस्कृति और विरासत भवन
मुख्यमंत्री ने जनजातीय विकास और कल्याण के लिए 1535 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इस परियोजना के तहत, 16 आश्रम स्कूलों को हाइस्कूल में उन्नत किया जायेगा, जिसमें प्रति स्कूल 15 करोड़ रुपये की लागत से कुल 240 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. इसी प्रकार, 13 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में परिवर्तित किया जायेगा, जिसके लिए प्रति स्कूल 22 करोड़ रुपये की लागत से कुल 286 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा, 426 प्राथमिक विद्यालयों के लिए हॉस्टल निर्माण पर 852 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. भुवनेश्वर के गोठपटना में जनजातीय संस्कृति और विरासत भवन का निर्माण किया जायेगा. इस पर 100 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी. गोठपटना में जनजातीय भाषा संस्थान के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये और जनजातीय अस्मिता भवन के लिए चार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही पांच बहुउद्देश्यीय केंद्रों के निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जंगल भूमि अधिकार अधिनियम के तहत राज्य की आठ विशेष पिछड़ी जनजातियों को उनके निवास का अधिकार (हैबिटेट राइट्स) प्रदान किया.
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