राउरकेला. राउरकेला नगरपालिका को गत 2014 में राउरकेला महानगर निगम बनाने की घोषणा की गयी थी. लेकिन निगम की स्थापना हुए एक दशक का समय पार होने के बाद भी इसका चुनाव नहीं हो पाया है. जिससे निगम में सारा काम-काज सरकारी अधिकारियों की देखरेख में किया जा रहा है. वहीं इसे लेकर भाजपा व कांग्रेस लगातार निगम में अफसर राज चलने का आरोप लगाती रही हैं. साथ ही निगम का चुनाव कराने की मांग करती रही है. ताकि आम जनता को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके.
नवीन सरकार ने समस्याओं के समाधान में नहीं दिखायी दिलचस्पी
विदित हो कि जब राउरकेला महानगर निगम का गठन हुआ था तो इसमें झीरपानी के पास स्थित जगदा पंचायत, दक्षिण राउरकेला के नवकृष्णनगर तथा वेदव्यास अंचल के झारतरंग पंचायत को भी शामिल किया गया था. उसी दौरान आदिवासी नेता जॉर्ज तिर्की की अगुवाई में आदिवासी मूलवासी बचाओ मंच ने जगदा व झारतरंग पंचायत को निगम में शामिल करने का विरोध कर इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन तत्कालीन नवीन पटनायक सरकार ने इस मामले का समाधान करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. इसके अलावा भाजपा व कांग्रेस लगातार निगम का चुनाव कराने की मांग करती रही थीं.
निगम चुनाव से जुड़े पेंच होंगे दूर
वर्तमान ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने के बाद निगम चुनाव से जुड़े सभी पेंच दूर करने के बाद जल्द से जल्द निगम का चुनाव कराने की उम्मीद जगी है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी चेतावनी दी है कि यदि नयी सरकार निगम का चुनाव कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है, तो वे चुनाव कराने के लिए कोर्ट की शरण लेगी. अब देखना है कि भाजपा की नयी सरकार ने पदभार संभालने के बाद यह सरकार राउरकेला महानगर निगम का चुनाव कराने के लिए क्या पहल करती है.
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