राउरकेला, राजनीतिक समीक्षकों ने राउरकेला विधानसभा में इस बार भाजपा के बागी निहार राय के मैदान में उतरने के बाद यहां मुकाबला काफी रोचक होने की संभावना जतायी है. खासकर निहार राय को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मटका चुनाव चिह्न मिलने से शहर के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा है कि इस चुनाव में मटका बीजद के शंख को निगलने का काम करेगा या फिर भाजपा के कमल को डुबोने का काम करेगा. इसे लेकर शहर के हर चौक चौराहों पर तरह -तरह की राजनीतिक अटकलों का दौर भी शुरू हो चुका है.
बीजद से अलग किये जाने के बाद दिलीप राय ने मटका चुनाव चिह्न से चमकाई थी अपनी राजनीति
राउरकेला विधानसभा से वर्तमान भाजपा के प्रत्याशी दिलीप राय बीजद के संस्थापकों में से एक हैं. लेकिन इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम इस तेजी से बदला कि बीजद से दिलीप राय को अलग होना पड़ा था. लेकिन उस दौरान उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा का सांसद बनकर अपनी राजनीतिक कौशल का परिचय दिया था. इसके बाद उन्होंने जब जनशक्ति पार्टी का गठन कर राउरकेला नगरपालिका का चुनाव लड़ा था तो उन्हें मटका चुनाव चिह्न मिला था. इस चिह्न पर लोगों ने विश्वास जताने से नगरपालिका पर जनशक्ति पार्टी का कब्जा हु्आ था. उस दौरान वर्तमान टिकट न मिलने से भाजपा के बागी उम्मीदवार उनके खासमखास हु्आ करते थे. लेकिन अब वे दिलीप राय के खिलाफ ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में है. जिन्हें मटका चुनाव चिह्न प्रदान किया गया है. जिससे कभी जिस मटका चुनाव चिह्न से दिलीप राय ने अपनी राजनीति चमकायी थी.वही चिह्न उनके शार्गिद भाजपा के बागी निहार राय को मिला है.अब देखना यह है कि इस चुनाव में निहार का मटका बीजद के शंख को निगलने का काम करेगा या फिर भाजपा के कमल को डुबोने का काम करेगा.
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