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भारतीय शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिए समर्पित होकर काम करें : सुनीलपाद गोस्वामी

विद्या भारती शिक्षा विकास समिति की दो दिवसीय वार्षिक साधारण सभा सोमवार को कटक में आयोजित हुई. इसमें वक्ताओं ने भारतीय शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिए काम करने का आह्वाान किया.

कटक. पूरे देश में भारतीयता पर आधारित शिक्षा प्रणाली लागू करने में विद्या भारती प्रमुख भूमिका निभा रही है. ओडिशा में इस आंदोलन में शिक्षा विकास समिति अग्रणी भूमिका में है. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समर्पित होकर काम करने की जरूरत है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुनीलपाद गोस्वामी ने यह बातें कही. वे केशव धाम, कटक में विद्या भारती की इकाई शिक्षा विकास समिति की दो दिवसीय वार्षिक आम सभा के समापन समारोह में बोल रहे थे. बैठक की अध्यक्षता शिक्षा विकास समिति के अध्यक्ष डॉ किशोर चंद्र मोहंती ने की.

आक्रांताओं ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस किया

सुनीलपाद गोस्वामी ने कहा कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था अत्यंत सुदृढ़ थी. भारत के गुरुकुलों के जरिये शिक्षा प्रदान किया जाता था. लेकिन इस्लामी व यूरोपीय आक्रांताओं ने भारत की शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस किया. इस्लामी अक्रांताओं ने नालंदा जैसे विश्वविद्यालय व शिक्षा के केंद्र को ध्वस्त करने के साथ वहां की लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया. लाखों पुस्तकों को जला दिया गया. उन्होंने कहा कि अंग्रेज भी जानते थे कि भारतीयों को उनकी संस्कृति से काटने के लिए सनातन शिक्षा व्यवस्था पर चोट करना होगा. उन्होंने भारत की शिक्षा व संस्कृति को नष्ट करने के लिए षडयंत्र रचे. उन्होंने मेकाले की शिक्षा नीति को लागू किया. उन्होंने कहा कि इसके बाद भारतीयता व स्व के आधार पर भारतीय शिक्षा व्यवस्था की पुनः स्थापना करने के लिए विद्या भारती लगातार कार्य कर रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. संघ के शताब्दी वर्ष में निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित भाव के साथ शिक्षा के क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता काम करें.

नयी शिक्षा नीति पर हुई चर्चा

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर आठ कालांशों में चर्चा की गयी तथा उनके कार्यान्वयन के लिए निर्णय लिया गया. चार आयाम जैसे विद्वत परिषद, शोध, संस्कृति वोध परियोजना, पूर्व छात्र पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके साथ साथ नयी शिक्षा नीति, जिला केंद्र सशक्तीकरण, वार्षिक योजना व पत्र पत्रिका आदि विषयों पर चर्चा हुई. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में डॉ किशोर चंद्र मोहंती, डॉ सरोज कुमार हाती , प्रसन्न कुमार बिस्वाल, सत्य नारायण पटनायक, डॉ लक्ष्मीकांत महाराणा, हेमंत कुमार पाणिग्रही, डॉ तरुलता देवी तथा अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सत्रों में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया. इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय स्तर से लेकर प्रांत, संभाग, जिला व संकुल स्तर के 300 से अधिक प्रवासी कार्यकर्ता व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. सरस्वती विद्या मंदिर, केशव धाम कटक के प्रबंध समिति, प्रधानाचार्य व अन्य आचार्यों के सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ.

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