Rourkela News: सीटू की ओर से शुक्रवार को दुर्गा पूजा बोनस समेत दो सूत्री मांगों को लेकर राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) के पावर गेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया. इस आंदोलन में सीटू के नेता व कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में ठेका श्रमिक शामिल रहे. इस दौरान सीटू ने गत आठ फरवरी, 2023 को बहुमत के आधार पर इंटक, बीएमएस व एचएमएस नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित इस्पात श्रमिक विरोधी बोनस समझौता की प्रति भी जारी कर इन तीनों यूनियनों पर जमकर हमला बोला गया. इस आंदोलन में सीटू की ओर से श्रमिक विरोधी बोनस समझौता रद्द करने, वर्ष 2022 में मिली बोनस की राशि 40,500 रुपये से अधिक बोनस प्रदान करने, ठेका श्रमिकों को 20 फीसदी बाेनस प्रदान करने, सफल एनजेसीएस समझौता तुरंत करने की मांग पर सेल प्रबंधन का ध्यान आकर्षित कराया गया.
बोनस देने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया जाये : बसंत नायक
सीटू नेता बसंत नायक ने कहा कि बहुमत के आधार पर इंटक, बीएमसएस व आरएमएस ने त्रुटिपूर्ण इस्पात श्रमिक विरोधी बोनस समझौते पर गत आठ फरवरी, 2023 को हस्ताक्षर किया था. जिसका परिणाम यह रहा कि वर्ष 2023 में 2022 में मिली 40,500 रुपये की राशि से करीब आधी राशि 23,000 रुपये बोनस मिला था. जिससे इस इस्पात श्रमिक विरोधी बोनस समझौते को रद्द कर बोनस प्रदान करने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया जाये. तभी जाकर आगामी एक अक्तूबर को सेल प्रबंधन की ओर से बुलायी गयी संभावित बैठक का सुखद परिणाम निकल पायेगा. लेकिन इसके लिए सभी यूनियनों को एकजुट होकर सेल प्रबंधन पर दबाव बनाने की जरूरत है. इस आंदोलन में सीटू नेता बसंत नायक, विमान माइती, चंद्रभानु दाश, अजय शर्मा समेत अन्य शामिल थे.
सेल कर्मचारी 1.87 लाख रुपये बोनस पाने के हकदार : आरकेएएस
इधर, नवगठित यूनियन आरएकेएस ने पुराने बोनस फॉर्मूला को रद्द करने की मांग करते हुए प्रोडक्शन रिलेटेड पे (पीआरपी) की मांग की है. जिसका फॉर्मूला यूनियन द्वारा निदेशक कार्मिक सेल कॉरपोरेट दिल्ली को भेज दिया गया है. इसके अनुसार, पीआरपी की गणना क्रूड स्टील उत्पादन के 70 फीसदी (₹ 500/टन) और कुल एबिटा राशि के 30 फीसदी का 5 फीसदी के योग पर आधारित है. ज्ञात हो कि वित्तीय वर्ष 2023–24 में क्रूड स्टील उत्पादन 19.2 मिलियन टन, कुल एबिटा ₹12,280 करोड़ रहा. जबकि सेल के कर्मचारियों की कुल संख्या एक अप्रैल, 2024 को 45,700 है. इसके आधार पर प्रत्येक कर्मचारी को 1 लाख 87 हजार राशि बतौर बोनस इस फॉर्मूले के अनुसार मिलनी चाहिए.
कड़ी मेहनत के बाद भी सेल कर्मचारी अपने हक से वंचित : सुधीर श्रीवास्तव
यूनियन के अध्यक्ष सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल जिस बोनस फॉर्मूले को एनजेसीएस नेताओं ने स्वीकारा, वह उद्योग जगत में श्रमिकों के श्रम का अपमान है. अतः महारत्न सेल प्रबंधन श्रमिकों के वैध अधिकार और श्रम का सम्मान करते हुए बेहतर बोनस राशि दें, जो कि पीआरपी के अनुसार 1.87 लाख रुपये होती है. महासचिव अभिजीत प्रजापति ने कहा कि बढ़ते उत्पादन, उत्पादकता और घटते मैन पावर से स्पष्ट है कि सेल कर्मचारी अपने कौशल के दम पर कंपनी को लाभ पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसके बावजूद वे अपने हक से वंचित हैं.
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