जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे कोल्हान समेत आसपास के रेल लाइन और स्टेशनों के पास रेल सुरक्षा उपकरण कवच लगाया जायेगा. कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसके अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरएससीओ) द्वारा तीन भारतीय फर्मों के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. बालासोर ट्रेन हादसे के बाद से इसको लगाया जा रहा है. इससे चालक समय पर ब्रेक लगाने में विफल रहता है तो कवच स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है. आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग पटरियों और स्टेशन यार्ड तथा सिग्नल पर पटरियों की पहचान करने तथा ट्रेन और उसकी दिशा का पता लगाने के लिए लगाए जाते हैं. जब सिस्टम सक्रिय होता है, तो 5 किमी के भीतर सभी ट्रेनें रुक जाती है, ताकि बगल की पटरी पर मौजूद ट्रेन सुरक्षित रूप से गुजर सके. ऑन बोर्ड डिस्प्ले ऑफ सिग्नल एस्पेक्ट खराब मौसम के कारण कम दिखाई देने पर भी लोको पायलटों को सिग्नल देखने में मदद करता है. आमतौर पर, लोको पायलटों को सिग्नल देखने के लिए खिड़की से बाहर देखना पड़ता है. सुरक्षा प्रणाली ‘लाल सिग्नल’ के निकट पहुंचने पर लोको पायलट को सिग्नल भेजती है तथा सिग्नल पार होने से रोकने के लिए आवश्यक होने पर स्वचालित ब्रेक लगाती है. इसके लिए कोल्हान के सारे स्थानों पर सर्वे का काम पूरा हो गया है. नये बजट में इसके लिए प्रावधान किया जा चुका है. दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने कहा है कि इसका सर्वे पूरा हो चुका है. जल्द ही इसको लगाया जायेगा, ताकि इस तरह के हादसे को रोका जा सके. सुरक्षा पर विशेष फोकस दिया गया है.
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railway safety : कोल्हान के स्टेशन और रेल लाइन पर भी लगेगा सुरक्षा उपकरण कवच, दक्षिण पूर्व रेलवे ने सर्वे का काम किया पूरा
जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे कोल्हान समेत आसपास के रेल लाइन और स्टेशनों के पास रेल सुरक्षा उपकरण कवच लगाया जायेगा. कवच एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसके अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरएससीओ) द्वारा तीन भारतीय फर्मों के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. बालासोर ट्रेन हादसे के बाद […]
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