राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी विवाद एक साल भी नहीं सुलझ पाया है. कांग्रेस आलाकमान की ओर से बनाई गई कमेटी के एक साल पूरे हो गए, लेकिन यह कमेटी दोनों नेताओं के बीच सुलह नहीं करा पाई है. इधर, सुलह फॉर्मूला जारी होने से कांग्रेस के मंत्री बनने के संभावित नेताओं में नाराजगी बढ़ने लगी है.
बता दें कि सचिन पायलट गुट के मुखालफत के बाद 10 अगस्त 2020 को कांग्रेस हाईकमान ने अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन की एक सुलह कमेटी बनाई थी. हालांकि अहमद पटेल के निधन के बाद इस कमेटी में सिर्फ दो लोग ही बचे हैं. वहीं पिछले महीने इस कमेटी ने दिल्ली से जयपुर तक सुलह की सुगबुगाहट बढ़ाई थी, लेकिन बात अब तक नहीं बन सकी है.
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अजय माकन ने हाईकमान को दी है फीडबैक रिपोर्ट- कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने राज्य कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन (Ajay Maken) ने विधायकों से फीडबैक ली थी. बताया जा रहा है कि माकन ने फीडबैक लेने के बाद इसकी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दिया है. अब सुलह का फाइनल फॉर्मूला कांग्रेस आलाकमान को जारी करना है.
इन विधायकों को मंत्री बनने का है इंतजार- इधर, सुलह फॉर्मूला फाइनल नहीं होने से कांग्रेस के विधायकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. बताया जा रहा है कि कई मंत्री पद के दावेदार विधायकों की नजर हाईकमान पर है. वहीं पायलट कैंप के कई विधायकों को उम्मीद है कि नए कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) में उनको भी जगह मिल सकती है.
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अगर मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, विश्वेंद्र सिंह, राजेंद्र गुढ़ा, रमेश मीणा, मुरारी लाल मीणा और संयम लोढ़ा शपथ ले सकते हैं. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार से पहले कुछ मंत्रियों को हटाया भी जा सकता है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra