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राजस्थान के शिक्षक शुवजीत पायने 10 लाख डॉलर के ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ के दावेदार

rajasthan teacher shuvajit payne among 3 indian teachers shortlisted for Global Teacher Prize 2020 जयपुर/लंदन : यूनेस्को (UNESCO) की साझेदारी में होने वाले वार्षिक वर्कले फाउंडेशन ग्लोबल टीचर प्राइज-2020 (Varkey Foundation Global Teacher Prize 2020) के लिए 50 संभावित विजेताओं (Winner) को चुना गया है, जिनमें राजस्थान (Rajasthan) के एक शिक्षक समेत तीन भारतीय (Indian) शामिल हैं. पुरस्कार के तौर पर 10 लाख डॉलर की राशि दी जाती है.

जयपुर/लंदन : यूनेस्को (UNESCO) की साझेदारी में होने वाले वार्षिक वर्कले फाउंडेशन ग्लोबल टीचर प्राइज-2020 (Varkey Foundation Global Teacher Prize 2020) के लिए 50 संभावित विजेताओं (Winner) को चुना गया है, जिनमें राजस्थान (Rajasthan) के एक शिक्षक समेत तीन भारतीय (Indian) शामिल हैं. पुरस्कार के तौर पर 10 लाख डॉलर की राशि दी जाती है.

इस पुरस्कार के लिए 140 देशों के करीब 12 हजार शिक्षकों को नामांकित किया गया था. इनमें से 50 शिक्षकों को संभावित विजेताओं के रूप में चुना गया है. इनमें राजस्थान के शिक्षा निकेतन बेयरफुट कॉलेज में नागरिकता के शिक्षक शुवजीत पायने, महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के परितावाडी स्थित जिला परिषद प्राथमिक स्कूल में शिक्षक रंजीतसिंह दिसाले, दिल्ली स्थित एसआरडीएवी पब्लिक स्कूल में कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षिका विनीता गर्ग शामिल हैं.

ग्लोबल टीचर प्राइज (Global Teacher Prize) का यह छठा संस्करण है और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) इसका साझेदार है. अब पुरस्कार समिति इन 50 शिक्षकों में 10 अंतिम दावेदारों को चुनेगी और जून में नतीजों की घोषणा की जायेगी.

मेरा मानना है कि पुरस्कार से मिली पहचान से लोग प्रोत्साहित होंगे. इससे उनके काम भी लोगों के सामने आयेगा.
शुवजीत पायने
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राजस्थान के शिक्षक शुवजीत पायने 10 लाख डॉलर के ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ के दावेदार 2

शुवजीत पायने ने कहा, ‘मेरा मानना है कि पुरस्कार से मिली पहचान से लोग प्रोत्साहित होंगे. इससे उनके काम भी लोगों के सामने आयेगा.’ पायने ग्रामीण भारत की जरूरतों के अनुरूप अनौपचारिक रूप से चल रहे 50 सामुदायिक स्कूलों के संचालन और पाठ्यक्रम के लिए जिम्मेदार हैं.

वहीं, दिसाले ने कहा, ‘यह किसी सपने जैसा है. मैं और मेरे छात्र शीर्ष 50 संभावित विजेताओं में अपने को चुने जाने से खुश हैं. हमारी कड़ी मेहनत का यह परिणाम है.’ उल्लेखनीय है कि उन्हें तकनीक का इस्तेमाल कर प्राथमिक शिक्षा को सुधारने का श्रेय दिया जाता है. दिसाले ने क्यूआर कोडेड टेक्स्ट बुक योजना के तहत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में ऑडियो-वीडियो सामग्री लिंक की है.

उल्लेखनीय है कि ग्लोबल टीचर प्राइज का यह छठा संस्करण है और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) इसका साझेदार है. अब पुरस्कार समिति इन 50 शिक्षकों में 10 अंतिम दावेदारों को चुनेगी और जून में नतीजों की घोषणा की जायेगी.

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