राजस्थान के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सक्रियता ने पार्टी के कई दिग्गज नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, राजस्थान में बाढ़ के भयावह हालात को देखते हुए वसुंधरा राजे सिंधिया झालवाड़-बूंदी जिले का दौरा कर चुकी हैं. करीब दो साल बाद पूर्व सीएम जमीन पर सक्रिय हुई हैं.
राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक राजस्थान बीजेपी के भीतर अलग-थलग पड़ी सीएम वसुंधरा राजे की बाढ़ के बहाने सक्रियता ने एक ओर जहां सीएम अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ा दी है. वहीं बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी चिंतित होने लगे हैं. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के पोस्टर पर दिए गए बयान ने उनके खेमे के नेताओं के भीतर उत्साह भर दिया है.
बताते चलें कि पिछले दिनो वसुंधरा राजे ने पोस्टर विवाद पर कहा कि मैं लोगों की दिलों पर राज करती हूं, मुझे पोस्टर-वोस्टर से कोई मतलब नहीं है. पूर्व सीएम के इस बयान से सियासी हलकों में खलबली मच गई. वहीं वसुंधरा राजे के बयान पर राज्य बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं ने प्रतिक्रिया दी.
2013 से पहले भी थी ऐसी स्थिति- राजस्थान बीजेपी में 2013 से पहले भी ऐसी ही वसुंधरा अचानक सक्रिय हुई थी. उस वक्त वसुंधरा ने हाईकमान से पार्टी के तत्कालीन प्रभारी महासचिव कप्तान सिंह सोलंकी और प्रदेश अध्यक्ष गुलाब चंद कटारिया पर गुटबाजी का आरोप लगाया था. वहीं वसुंधरा ने खुद को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने की मांग की थी, जिसे हाईकमान ने मान लिया था.
Posted By : Avinish Kumar Mishra