रिम्स के डॉक्टर अब मशीनों की उपयोगिता बताये बिना प्रबंधन से उसकी मांग नहीं कर सकेंगे. निदेशक डॉ राजकुमार ने स्पष्ट कहा कि मशीन की मांग से पहले डॉक्टरों को यह बताना होगा कि मरीज हित में उसकी उपयोगिता कितनी है. मशीन आने से मरीजों को क्या-क्या लाभ मिलेगा. अगर स्पष्ट जानकारी नहीं मिलेगी, तो मशीन के लिए निविदा निकालने की अनुमति नहीं दी जायेगी. कई विभागों से नयी मशीन की मांग किये जाने पर निदेशक ने यह फैसला लिया है.
सूत्रों के अनुसार, कई विभाग में मशीन होते हुए भी नयी मशीन की मांग की गयी है. निदेशक ने जब विभागों का भ्रमण किया और जानकारी ली, तो मालूम हुआ कि वर्तमान में इसकी उपयोगिता नहीं है. माॅड्यूलर ओटी को नये तरीके से बनाने की मांग भी की गयी थी. ऐसे में प्रबंधन को लगा कि ऐसा करने से पैसे की बर्बादी होगी.
एक ही एजेंसी व कंपनी हर विभाग में दिखाती है रुचि
रिम्स में मशीन की खरीदारी के लिए एक ही एजेंसी व कंपनी का एकाधिकार है. जब भी मशीन या छोटे उपकरण की खरीदारी करनी होती है, तो वही कंपनी निविदा में शामिल होती है. अन्य कंपनियां निविदा में शामिल नहीं हो पाती हैं. यह मामला भी रिम्स प्रबंधन के संज्ञान में आया है.