पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के जमालपुर के बाद अब पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा में भी आधार कार्ड (Aadhar card) रद्द किये जाने की शिकायत मिलने लगी है. कांकसा थाना इलाके के बनकाठी ग्राम पंचायत इलाके के ग्यारह माइल की रहने वाली स्नातक की एक छात्रा का भविष्य अधर में लटक गया है. आधार कार्ड रद्द होने से बीरभूम जिले के इलम बाजार स्थित कवि जयदेव महाविद्यालय के प्रथम वर्ष की छात्रा कॉलेज की परीक्षा का फॉर्म नहीं भर पायी. कुछ महीनों बाद ही उसकी परीक्षा है. कुछ दिन पहले आशा विश्वास फॉर्म भरने गयी थी. आधार कार्ड नंबर के साथ परीक्षा फॉर्म भरते समय उसे पता चला कि उसका आधार कार्ड रद्द कर दिया गया है. वह अत्यंत चिंतित हो गयी. शनिवार को डाक विभाग के माध्यम से उसे आधार कार्ड निरस्तीकरण का पत्र भी मिला.
पंचायत क्षेत्र में अबतक 11 आधार कार्ड निरस्तीकरण पत्र प्राप्त हुए
सूत्रों के अनुसार कांकसा बनकाठी ग्राम पंचायत क्षेत्र में अबतक 11 आधार कार्ड निरस्तीकरण पत्र प्राप्त हुए हैं. इसके बाद ही गांव में हलचल मच गयी है. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. आशा विश्वास ने कहा कि वह जीवन में बड़ा बनना चाहती थी. हालांकि, उन्हें इस बात की चिंता है कि आधार कार्ड रद्द होने के बाद वह परीक्षा में कैसे बैठेगी. कांकसा पंचायत समिति के अध्यक्ष भवानी भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य भर के आम लोगों को परेशान करने की साजिश रची है. अगर आधार कार्ड रद्द किया जाता है तो इसे लेकर एक मजबूत आंदोलन होगा. भाजपा मंडल अध्यक्ष राजीव राय ने कहा कि सांसद सुरिंदर सिंह आहलूवालिया को वह मामले की जानकारी देंगे. लोगों को परेशानी न हो इसके लिए भाजपा सक्रिय है.
ममता बनर्जी ने कहा, आधार कार्ड रद्द किये जाने के पीछे भाजपा का षड्यंत्र
पश्चिम बर्दवान के डीएम पोन्नमबलम एस ने कहा कि मामले को देखा जा रहा है. संबंधित विभाग को मामले के बारे में सूचित किया जायेगा. बीरभूम जिले के सिउड़ी में रविवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जमालपुर समेत अन्य क्षेत्रों में आधार कार्ड रद्द किये जाने के पीछे भाजपा का षड्यंत्र बताया था. उन्होंने कहा था कि यदि इसे केंद्र सरकार ठीक नहीं करती है तो राज्य में आधार कार्ड का मान हम लोग ही रद्द कर देंगे. बिना आधार कार्ड के ही सभी कार्य राज्य सरकार करेगी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिनका आधार रद्द किया गया है उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं. यदि केंद्र सरकार इसपर जल्द कोई संशोधन करती है तो ठीक है नहीं तो राज्य सरकार इसका विकल्प तलाश लेगी.