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Agra News: सुलहकुल की मिसाल बन रही राम बारात की धुन, श्रीराम की कथा सुनकर धुन तैयार कर रहे मुस्लिम युवक

राम बारात में बजने वाली रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान धुन को आसपास के जिलों से आए मुस्लिम युवक तैयार कर रहे हैं. इन युवकों की तैयार की हुई धुन से राम बारात में रौनक और बढ़ जाती है.

Agra News: ताजनगरी में सालों से निकलने वाली उत्तर भारत की सबसे बड़ी राम बारात अपने आपमें सुलहकुल का संदेश देती है. राम बारात में बजने वाली धुन को हिंदू युवकों के साथ मुस्लिम युवक भी खुद तैयार करते हैं. इसी धुन पर शहर के लोग राम बारात में झूमते हैं. अल्लाह के ये बंदे बरसों से राम बारात की धुन तैयार कर रहे हैं.

धुन मुस्लिम युवकों ने तैयार की

राम बारात में बजने वाली रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान धुन को आसपास के जिलों से आए मुस्लिम युवक तैयार कर रहे हैं. इन युवकों की तैयार की हुई धुन से राम बारात में रौनक और बढ़ जाती है. जब लोगों को पता चलता है कि श्रीरामचंद्र की बारात में बजने वाली यह धुन मुस्लिम युवकों ने तैयार की है तो हर कोई एकबारगी अचंभित रह जाता है.

कोरोना काल में परम्परा हो गई थी बंद

कोरोना काल के चलते आगरा में होने वाली उत्तर भारत की सबसे बड़ी व ऐतिहासिक जनकपुरी के आयोजन पर विराम लग गया था. ऐसे में अब फिर से हालात सही होने के बाद इस बार जनकपुरी सजाई जानी है. जनकपुरी के साथ-साथ आगरा में सालों से राम बरात का भी आयोजन किया जाता है. इस बार राम बारात में बैंड बजाने वाले करीब 90 फीसदी लोग मुस्लिम होंगे. इन मुस्लिम युवकों के बैंड से रामधुन निकलेगी. राम बारात में कुछ मुस्लिम युवक ऐसे भी हैं जिनकी तीन पीढ़ियां लगातार राम बारात में बैंड बजाती आ रही हैं. इसके लिए अभी से इन सभी ने अभ्यास करना शुरू कर दिया है.

30 साल से राम बारात में बैंड बजा रहे

नदीम अहमद जो कि जौनपुर में रहते हैं, उनका कहना है कि वैसे तो वह बैंड बजाने का काम करते हैं. लेकिन जब भी राम बारात में बैंड बजाने के लिए उन्हें बुलाया जाता है तो वह और ज्यादा हर्षित हो उठते हैं. उनका कहना है कि धर्म और समाज की सोच से परे हटकर हम श्रीरामचंद्र की कथाओं को सुनते हैं और फिर उनके आधार पर ही नई-नई धुन तैयार करते हैं. हमारी धुन पर हजारों की संख्या में हिंदू राम बारात के गवाह बनते हैं. फर्रुखाबाद के रहने वाले मोहम्मद रहूफ का कहना है कि लगभग 30 साल से वह राम बारात में बैंड बजाने का काम कर रहे हैं. उनके पिता और बाबा भी इस राम बारात में बैंड बजाए करते थे. हमारी तीन पीढ़ियां लगातार कई सालों से राम बरात में बैंड पर हिंदू धुन बजाकर इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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