आगरा : आपके घर में बच्चे कॉपी किताब तो जरूर रखते हैं. ऐसे में अभिवावकों के सामने यह समस्या भी आती है कि बच्चे अक्सर उन कॉपी, किताब को फाड़ देते हैं या फिर जल्दी ही होमवर्क के चलते बच्चों की कॉपी किताब भर जाती है. लेकिन आगरा में लगे साहित्य मेले में आपको ऐसी कॉपी और किताब मिलेगी जो ना कभी भरती है, ना फटती है और पानी से भीगने के बावजूद भी गलती नहीं है. जी हां हम बात कर रहे हैं जीआईसी ग्राउंड में साहित्य अकादमी द्वारा लगाए गए पुस्तक मेले की। इस पुस्तक मेले में वैसे तो कई सारी किताबें और कॉपियों की स्टाल लगी हुई है. जहां आपको हर तरह के साहित्य के बारे में जानकारी मिलेगी. लेकिन वहीं एक ऐसी स्टॉल भी है जहां पर कुछ ऐसी कॉपी और किताब मौजूद है. जो ना कभी भरेंगी और ना ही कभी फटेगी. बल्कि अगर आप इन्हें पानी में भी डाल देंगे तो पानी के अंदर भी इन कॉपी किताबों का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा. इस स्टॉल की देखरेख कर रही स्वर्णा ने बताया कि अक्सर अभिभावकों के सामने यह समस्या आती रहती है कि उनके बच्चे अपनी कॉपी को जल्दी ही फाड़ देते हैं. या फिर कॉपी में बहुत सारी ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनकी वजह से उन्हें रबड़ का प्रयोग करना पड़ता है. लेकिन इसी समस्या को देखते हुए उन्होंने कुछ ऐसी कॉपी और किताबें बनाई है जो की बार-बार प्रयोग में लाई जा सकेंगी. और सालों साल इन कॉपी किताबों का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा.
स्वर्णा ने इस तरह की अजीब कॉफी पर स्केच कलर द्वारा कुछ लिखकर दिखाया और लिखने के तुरंत बाद ही एक कपड़े से उसको साफ कर दिया. उन्होंने बताया कि यह कॉपियां वॉशेबल हैं. आप पेन, पेंसिल, स्केच और परमानेंट मार्कर से भी अगर इस कॉपी के ऊपर कुछ भी लिखते हैं तो इसे तुरंत ही साफ किया जा सकता है. यानी कि एक बार होमवर्क करने के बाद या कुछ भी लिखने के बाद इस कॉपी को आप दोबारा से प्रयोग में ला सकते हैं. वहीं उन्होंने अपने स्टॉल पर एक पानी की बाल्टी रखी हुई थी. इस बाल्टी में उन्होंने एक किताब को डुबो कर रखा था. हमने जब पूछा तो उन्होंने बताया कि यह इसलिए है क्योंकि यह कॉपियां वॉशेबल के साथ-साथ वाटरप्रूफ भी है. कितने भी पानी में इन कॉपियों को आप कितनी भी देर तक डुबोए लेकिन इनका कुछ भी नहीं बिगड़ेगा. वहीं उन्होंने बताया कि लोग स्टॉल पर काफी मात्रा में आ रहे हैं और जो कॉपी और किताब हम बेच रही हैं. उनकी कीमत वैसे तो करीब ₹300 है. लेकिन हम इन्हें डिस्काउंट के साथ डेढ़ सौ रुपए प्रति कॉपी के हिसाब से बेच रहे हैं. और लोग हाथों हाथ इन्हें खरीद भी रहे हैं.