Gorakhpur News: गोरखनाथ मंदिर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmad Murtaza Abbasi) की आज यानी 16 अप्रैल को कोर्ट में पेशी हुई. आरोपी को एटीएस ने गोरखपुर एसीजेएम प्रथम के कोर्ट में पेश किया है. मुर्तजा की कस्टडी रिमांड आज खत्म हो रही है, जिसे बढ़ाने को लेकर एटीएस गोरखपुर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट में अर्जी दी. कोर्ट ने आरोपी रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी है. आरोपी पर अब UAPA के तहत केस चलेगा.
Court has transferred (the case of) Ahmad Murtaza Abbasi to ATS/NIA Special Court in Lucknow. His judicial custody has been extended to 14 more days. He will be produced before Special Court. ATS has sought his remand under sections of UAPA: PK Dubey, lawyer pic.twitter.com/Edn8YiYAYe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 16, 2022
वकील पीके दुबे ने बताया कि न्यायालय ने अपने आदेश में अहमद मुर्ताज़ा अब्बासी मामले को ATS/NIA की विशेष अदालत को ट्रांसफर कर दिया है. ATS ने UAPA की धारा को बढ़ा दिया है. उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है.
एटीएस को मुर्तजा से पूछताछ में कुछ अहम सबूत भी हाथ लगे हैं. मुर्तजा अब्बासी फेसबुक पर 6 आईडी चलाता था. एटीएस की छानबीन में यह जानकारी सामने आई है. फेसबुक अकाउंट में उसके 500 दोस्तों में से केवल एक ही दोस्त गैरमुस्लिम है. वह दोस्त उसके साथ मुंबई आईआईटी से पढ़ाई करता था.
मुर्तजा अहमद अब्बासी की फेसबुक अकाउंट की जानकारी जब एटीएस को हुई तो उसे खंगालना शुरू किया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग समय पर वह अलग-अलग अकाउंट का यूज करता था. मुर्तजा की फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड भी काफी टिपिकल था, जिसे आसानी से कोई डिकोड नहीं कर सकता और एटीएस को उसके सारे फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड मुर्तजा से ही मिला है. एटीएस का मानना है कि मुर्तजा अहमद अब्बासी बेहद शातिर और काफी तेज दिमाग का है.
मुर्तजा को अपने सारे फेसबुक अकाउंट, टि्वटर, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम के टिपिकल पासवर्ड जुबानी याद थे. एटीएस का यह मानना है कि जिसे इतने न्यूमैरिक नंबर जुबानी याद हो वह मानसिक रूप से कमजोर नहीं हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक अकाउंट में मुर्तजा के अधिकतर मित्र विदेशी या महाराष्ट्र के हैं. गोरखपुर और आस-पास के जिले के कोई भी मित्र उसके फेसबुक अकाउंट पर नहीं है. इतना ही नहीं मुर्तजा अहमद अब्बासी को अपने जानने वाले लोगों का मोबाइल नंबर जुबानी याद है और एटीएस का यह मानना है कि जिसे इतने न्यूमैरिक नंबर जुबानी याद हो वह मानसिक रूप से कमजोर नहीं हो सकता है.