Aligarh News: पिछले 14 साल से 13 गांव यमुना और अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के बीच चर्चा में बने रहते हैं. कभी यह गांव यमुना विकास प्राधिकरण में शामिल कर लिए जाते हैं, तो कभी अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में. इन गांव को लेकर दोनों प्राधिकरण के बीच वर्षों से रस्साकशी चली आ रही है.
14 साल से 2 प्राधिकरण के बीच फंसे ये 13 गांव… अलीगढ़ के बॉर्डर से लगे खैर के टप्पल ब्लॉक के 13 गांव, जिसमें राजपुर, नरायनपुर, मोहसिनपुर, पलाविरान, धूमरा, गढ़ीनगला, श्योराम, मथना, मानपुर कलां, निवसानी, मदनपुर, शिवाला, अहरौला, बझेड़ा शामिल हैं, पिछले 14 साल से यमुना विकास प्राधिकरण और अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के बीच झूल रहे हैं.
कभी यमुना, तो कभी अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का हिस्सा बने 13 गांव… 13 गांव को लेकर यमुना विकास प्राधिकरण और अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के बीच रस्साकशी की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई, जब अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का दायरा 4482 वर्ग हेक्टेयर था, जिसमें एक नगर निगम, एक नगर पंचायत, 203 गांव शामिल थे. 3 साल बाद 2011 की महायोजना में भी एक नगर निगम, एक नगर पंचायत और 203 गांव में रखे गए. इसके बाद अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने एक नया बजट जारी किया, जिसमें 407 गांव और 3 नगर पंचायतों को एडीए में शामिल किया गया, जिसमें जनपद की बॉर्डर के वह 13 गांव शामिल थे. 1 साल बाद यमुना विकास प्राधिकरण ने अपना दायरा बढ़ाया और उन 13 गांव को भी शामिल कर लिया, जो अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में पहले से ही शामिल थे.
अलीगढ़ की महायोजना 2031 में शामिल किए 13 गांव, फिर हटेंगे एडीए से… तेरे गांव पर लेकर चला आ रहा स्वामित्व 14 साल बाद भी सॉल्व नहीं हो पाया. मौजूदा अलीगढ़ की महायोजना 2031 में 13 गांव को शामिल कर लिया गया. इसके बाद से अब एडीए इन गांव को यमुना प्राधिकरण को सौंपने के लिए तैयार हो गया है. एडीए वी सी गौरांग राठी ने बताया कि टप्पल के 13 गांव यमुना विकास प्राधिकरण के दायरे में रहेंगे, एडीए की महायोजना 2031 में यह 13 गांव बाहर किए जाएंगे.