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Ayodhya Ram leela: असरानी ने नारद की भूमिका सें छोड़ी गहरी छाप, जानिए शिव-पार्वती संवाद से हुई फिल्मी रामलीला की शुरुआत…

Ayodhya Ram leela: अयोध्या में फिल्मी कलाकारों की रामलीला में पहले दिन गणेश वंदना से शुरुआत हुई. भगवान शिव ने पार्वती के निवेदन पर श्री राम कथा कहना शुरू किया. प्रथम प्रसंग सें महर्षि नारद की तपस्या, कामदेव द्वारा तपस्या भंग करने के प्रयास सें विफल होने और नारद के अहंकार का नाश से संबंधित दृश्यों ने दर्शकों का मन छू लिया. प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता असरानी ने नारद की भूमिका में दर्शकों को प्रभावित किया. रामलीला के लिए पहली बार अयोध्या आए फिल्मी कलाकार रामलगरी की आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत हैं.

Ayodhya Ram leela: अयोध्या में फिल्मी कलाकारों की रामलीला में पहले दिन गणेश वंदना से शुरुआत हुई. भगवान शिव ने पार्वती के निवेदन पर श्री राम कथा कहना शुरू किया. प्रथम प्रसंग सें महर्षि नारद की तपस्या, कामदेव द्वारा तपस्या भंग करने के प्रयास सें विफल होने और नारद के अहंकार का नाश से संबंधित दृश्यों ने दर्शकों का मन छू लिया. प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता असरानी ने नारद की भूमिका में दर्शकों को प्रभावित किया. रामलीला के लिए पहली बार अयोध्या आए फिल्मी कलाकार रामलगरी की आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत हैं.

पहले दिन फिल्मी सितारों ने शिव-पार्वती संवाद का मंचन किया. पार्वती शिव से कहती हैं कि यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो श्री रघुनाथ जी की नाना प्रकार की कथा कहकर मेरा अज्ञान दूर कीजिए. शिव पार्वती संवाद के साथ मंच पर धीरे-धीरे रामकथा की भाव भूमि तैयार होनी शुरू हुई. वे माता पार्वती को रामजन्म का हेतु बताते हुए कहते हैं कि जब जब होई धरम कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी।। तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा…। हे पार्वती जब-जब धर्म की हानि होती है और नीच, अभिमानी असुर बढ़ जाते हैं जब कृपानिधि श्री हरि अनेक प्रकार का शरीर धारण कर भक्तों की पीड़ा रहते हैं. एक अन्य दृश्य में नारद प्रकट होते हैं. नारद की भूमिका में बालीवुड के प्रख्यात हास्य कलाकार असरानी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ते हैं.

नारद मनोहारी पर्वतीय क्षेत्र में आनंदित होते हैं और कुछ ही देर में उनकी समाधि लग जाती है. मंच पर अगला दृश्य इंद्र और कामदेव के संवाद के रूप में प्रस्तुत होता है. इंद्र कामदेव से देवर्षि नारद की समाधि भंग करने का अनुरोध करते हैं. लेकिन विफल हो जाते हैं. तब क्षमा याचना करते हैं. वाद में भगवान विष्णु नारद के अहंकार के नाश करने को उन्हें बंदर का रूप देते हैं. नारद का श्राप से ही भगवान के पृथ्वी पर अवतार की भमिका तय होती है.

रामलीला के लिए पहली बार अयोध्या आए फिल्मी कलाकार रामनगरी की आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत हैं. उन्हें अयोध्या की आभा ने प्रभावित किया है. कलाकारों ने शांति के साथ मर्यादा के पालन का संदेश दिया है. राम, सीता, लक्ष्मण आदि का किरदार निभाने वाले अभिनेताओं ने कहा कि राम नगरी में नगरी में धर्म का मर्म और सार छिपा है. भगवान श्रीराम का किरदार निभाने वाले अभिनेता सोनू डागर यूपी के हापुड़ के रहने वाले हैं. वे विघ्नहर्ता गणेश व जय कन्हैयालाल जैसे धार्मिक धारावाहिकों में भी भूमिका निभा चुके हैं. वह पहली बार रामलीला का मंचन करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम की धरती पर राम का किरदार निभाने से जीवन धन्य हो गया.

माता सीता का रोल कर रहीं कविता जोशी ने कहा कि माता सीता का किरदार निभाना किसी चुनौती से कम नहीं है. रामलीला में त्रिजटा का रोल कर रही गाजियाबाद की रेनू बिसेंट ने कहा कि वह पहली बार रामलीला करने जा रही हैं. रामलीला से ही वह एक्टिंग में कदम रखा है. उन्होंने कहा कि अयोध्या की धार्मिक एवं आध्यात्मिक दुनिया मन को अत्यंत ही सुकून देती है. लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे अभिनेता लवकेश ने कहा कि रामनगरी में रामलीला मंचन का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है. रामलीला में हनुमान का किरदार निभा रहे फिल्म अभिनेता बिंदु दारा सिंह ने कहा कि अयोध्या अमन व शांति का संदेश देती है. अब मंदिर बनने जा रहा है, मंदिर बनने से अयोध्या संवरने लगी है. दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ बनने जा रही है.

News Posted by: Radheshyam Kushwaha

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