Health News: आयुष्मान भारत योजना में अब बोनमैरो इम्प्लांट भी कराया जा सकेगा. इस योजना में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा पिछले वर्ष जोड़ी गई थी. इसे जल्द ही शुरू किया जायेगा. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. शंकर प्रिंजा ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वह केजीएमयू में आयुष्मान योजना के बेहतर क्रियान्वयन के मुद्दे पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
डॉ. शंकर प्रिंजा ने कहा कि बोन मैरो इम्प्लांट काफी महंगा है. इसमें लाखों रुपये खर्च आता है, जो किसी सामान्य परिवार के बस की बात नहीं है. आयुष्मान भारत योजना में अब बोनमैरो इम्प्लांट की सुविधा भी मिलेगी. हड्डी की चोट के रोगी अब देसी या विदेशी कोई भी इम्प्लांट लगवा सकेंगे.
किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी
उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब हृदय, मानसिक और न्यूरो के इलाज में नए पैकेज शुरू किए गए हैं. साथ ही 365 प्रोसीजर जोड़े गए हैं. इस योजना के तहत शुरू की गई किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू की जा चुकी है.
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लोहिया इंस्टीट्यूट और कानपुर मेडिकल कॉलेज बेहतर
आयुष्मान योजना की नोडल एजेंसी साचीस की सीईओ संगीता सिंह ने कहा कि आयुष्मान योजना के लक्षित क्रियान्वयन में लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट और कानपुर के जीएसवी मेडिकल कॉलेज ने प्रदेश में सबसे बेहतर परिणाम दिया है. वहीं प्रदेश में कई ऐसे जिले हैं, जहां मेडिकल कालेज होने के बावजूद वहां के मरीज अन्य राज्यों में इलाज के लिये जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि अधिकतर मेडिकल कॉलेज में गंभीर (सेकेंडरी) मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जबकि मेडिकल कॉलेज अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए हैं. सेकेंडरी मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल बनाए गए हैं. डॉ. राम मनोहर लोहिया और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में क्रमशः 24 और 25 विभाग हैं.
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कार्यशाला है. इसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं शिक्षा के उच्च अधिकारी और करीब सभी मेडिकल कॉलेज के नोडल ऑफिसर मौजूद हैं. यह एक विशेष प्लेटफॉर्म है. जहां मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना को और कैसे बेहतर क्रियान्वयान्वित किया जाए. इस पर विस्तार से मंथन होगा.