Lucknow: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश से बाहर उनके केस ट्रांसफर करने संबंधी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश में उन्हें न्याय नहीं मिलेगा.
आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में कहा था कि यूपी की अदालतों में उनसे जुड़े जितने भी मामले चल रहे हैं, उन्हें किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर दिए जाएं. कोर्ट ने उनकी इस मांग को नकारते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा और निर्देश दिए कि उनकी याचिका पर जल्दी सुनवाई की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने जन्मतिथि के मामले में रामपुर से मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग करने वाले अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि ट्रांसफर क्यों मांगा जा रहा है. आजम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मुकदमा एक तमाशा है. उन्हें उत्तर प्रदेश में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट इससे सहमत नहीं हुआ.
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में आजम पक्ष को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. कोर्ट ने इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने को कहा है, इसलिए अब मामले में देरी नहीं होगी और अदालत आने वाले दिनों में सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुना सकती है.
दरअसल आजम खान और उनके परिवार के सदस्यों पर कई मामले लंबित हैं, जिनकी सुनवाई चल रही है. आजम, उनके परिवार के सदस्य और समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर से सत्तारूढ़ दल पर उन्हें जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया जाता रहा है. हालांकि सरकार की ओर से कहा जाता रहा है कि कानून अपना काम कर रहा है.
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बताया जा रहा है कि सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 87 मामले दर्ज हैं, जिनका ट्रायल अलग-अलग कोर्ट में चल रहा है. आजम खान ने इन मामलों को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर कराने की याचिका दी थी, जिससे उन्हे न्याय मिल सके. हालांकि कोर्ट की टिप्पणी से आजम पक्ष को झटका लगा है और उन्हें अब हाईकोर्ट में जाने को मजबूर होना पड़ेगा.