Prayagraj: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. उनके दरबार में होने वाले चमत्कार के वीडियो को लेकर लोग पक्ष और विपक्ष में बंट गए हैं. कई लोग इसे अंधविश्वास को बढ़ावा देने से जोड़ रहे हैं, तो दूसरी ओर वह लोग हैं, जो बागेश्वर धाम के चमत्कारों को सच बताकर इसके समर्थन में हैं. इस बीच प्रयागराज में हुए संत सम्मेलन में बागेश्वर सरकार का खुलकर समर्थन किया गया.
संतों ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में हुंकार भरते हुए साफ कर दिया कि जिस तरह से वह सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और हिंदू विरोधी गतिविधियों का सार्वजनिक तौर पर विरोध करते हैं, उसी वजह से उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. इसलिए संत समाज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ पूरी तरह से खड़ा है.
संतों ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर जो बातें हो रही हैं, वह सब झूठी है. ये सब उनको बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. लेकिन, संत समाज के लोग उनके साथ हमेशा रहेंगे. जो लोग उनके साथ साजिश कर रहे हैं, उनका विरोध करेंगे.
इस तरह विश्व हिंदू परिषद के माघ मेला शिविर में चल रहे संत सम्मेलन में संतों ने धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में खड़े होने का ऐलान कर ये खुला संदेश दिया कि वह अकेले नहीं हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय और सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की मौजूदगी में धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए धर्मांतरण के कुत्सित प्रयासों की निंदा की. साथ ही सम्मेलन में मंदिर के अधिग्रहण को रोकने के लिए कानून बनाने और जनजाति समाज के ऊपर हो रहे हमलों पर संतों ने अपनी राय रखी.
सभी संतों ने एक सुर में बोला कि हिंदू समाज के लोगों के साथ अगर कोई भी कुछ बोलेगा तो साधु समाज उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देगा. संतों ने कहा कि भारत के अंदर जिस तरीके से धर्मांतरण और लव जिहाद जोरों पर हो रहा है, उसका हम लोग पुरजोर विरोध करेंगे और समय आने पर हम सड़क से संसद तक जाने को बाध्य हो सकते हैं.
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इस मौके पर धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी संत समाज ने अपनी बात रखी. संतों ने कहा कि भारत सरकार धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए तीर्थाटन और पर्यटन पर अलग से काम करें, क्योंकि लोग तीर्थों पर जाकर मौज-मस्ती करते हैं, यह नहीं होना चाहिए क्योंकि वहां पर धार्मिक चीजें होती है. अगर युवाओं और युवतियों को घूमना है तो कहीं दूसरी जगह जाकर घूमें लेकिन धार्मिक स्थलों को पर्यटन का हिस्सा नहीं बनाया जाए.
संतों ने ‘रामचरितमानस’ विवाद पर कहा कि जिस तरीके से बिहार के शिक्षा मंत्री ने बयान दिया था. उसी तरीके से अब समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी की है. ये बहुत ही निंदनीय है और इसका उनको परिणाम भी भुगतना पड़ सकता है. संतों ने कहा कि जो रामचरितमानस के बारे में विवाद कर रहे हैं, उनके बाप-दादा ने भी रामचरितमानस पाठ किया है. इनको रामचरितमानस के बारे में कुछ पता ही नहीं है तो इसलिए गैरजरूरी बातें कर अपनी सुर्खियां बटोरना चाहते हैं.