Mathura News: बांके बिहारी कॉरिडोर का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. कॉरिडोर को लेकर वृंदावन में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच गोस्वामी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. गोस्वामी समाज द्वारा दाखिल की गई एसएलपी पर 23 जनवरी को सुनवाई होगी.
मिली जानकारी के अनुसार बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में राजभोग सेवा के सेवा आयोग द्वारा एसएलपी(स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल की गई है. और इस पिटीशन में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में चल रही कार्रवाई को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई गई है. जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी की तारीख सुनवाई के लिए तय की है.
रजत गोस्वामी ने बताया कि याचिकाकर्ता की प्राथमिक शिकायत इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि उनके अभियोग आवेदन सितंबर के पहले सप्ताह से उच्च न्यायालय द्वारा लंबित रखे गए हैं. जब क्या आदेश अभी पारित किए जा रहे हैं और मंदिर के मामलों से संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही है. याचिकाकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा इस तरह की कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 और 26 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इसके अलावा याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड बनाम उय्ये पेरुमल और अन्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर भरोसा कर रहे हैं. जिससे कि यह पता चले कि वह आवश्यक पक्षकार हैं.
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कोर्ट में जिला प्रशासन बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र में प्रस्तावित कॉरीडोर को लेकर किए गए सर्वे की रिपोर्ट रखी जाएगी. जिसमें डीएम द्वारा बनाई गई 8 सदस्य टीम द्वारा 341 भवनों का सर्वे किया गया था. आपको बता दें सोमवार को मामला सुनने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला के साथ मामले को 26 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व स्वरूप चतुर्वेदी कर रही है और उनके साथ वकील बिरला मल्होत्रा, उत्सव सक्सेना आदि लोग मौजूद हैं.