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कोरोना वायरस से निपटने के लिये सत्ता और विपक्ष में चर्चा, जानिए क्या बोले राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला…

कोरोना वायरस से निपटने के लिये समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री नारद राय ने भाजपा सरकार के राज्यमंत्री और नगर विधायक आनंदस्वरूप शुक्ल से दूरभाष पर लंबी बातचीत की

बलिया. लोकनायक जयप्रकाश, जननायक चंद्रशेखर और छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की राजनीतिक धरती यूं ही नहीं औरों के लिए नजीर प्रस्तुत करती है. यहां की फिजा में कुछ बात जरूर है. इसकी एक नजीर बुधवार को उस वक्त देखने को मिली जब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री नारद राय ने भाजपा सरकार के राज्यमंत्री और नगर विधायक आनंदस्वरूप शुक्ल से दूरभाष पर लंबी बातचीत की. इस दौरान नगर विधानसभा के दोनों नेताओं ने कोरोना संकट पर चर्चा की. इस दौरान नारद राय ने अपने अनुभव आनंद के बताए और राज्यमंत्री आनंद शुक्ला ने आश्वासन दिया कि इस पर अमल किया जाएगा. दोनों की बातचीत का मुख्य केंद्र बलिया जिला अस्पताल में वेंटिलेटर स्थापना ही रही. समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे सपा नेता नारद राय मीडियाकर्मियों से जिला अस्पताल की व्यवस्था पर वार्ता कर रहे थे. तभी एक मीडियाकर्मी के मोबाइल पर राज्यमंत्री आनंदस्वरूप शुक्ल का फोन आ गया.

मीडियाकर्मी अभी मंत्री आनंदस्वरूप शुक्ल से वार्ता कर ही रहा था कि पूर्व मंत्री नारद राय ने मंत्री से बात करने का आग्रह कर डाला. मीडियाकर्मी ने मंत्री से कहा कि पूर्व मंत्री नारद राय बात करना चाहते हैं तो मंत्री ने भी कहा बात कराइए. फिर दोनों नेताओं में वार्ता शुरू हुई जो एक दूसरे के धूर विरोधी माने जाते हैं. शिष्टाचार नमस्कार के बाद दोनों का कुशलक्षेम हुआ और फिर बात प्रारंभ हुई कोरोना संकट से जिले के बचाने का. नारद राय ने आनंद स्वरूप को कुछ सुझाव दिया. जिला अस्पताल में वेंटिलेटर प्रारंभ कराने पर भी लंबी बात हुई. पूर्व मंत्री ने कहा कि महिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर पड़ा हुआ है उसे तत्काल चालू कराया जाए. इस पर मंत्री ने कहा कि सीएमओ से वार्ता कर तत्काल इसे प्रारंभ कराने का प्रयास करता हूं. पूर्व मंत्री ने बताया कि जिले में शायद वेंटिलेटर आपरेटर नहीं है ऐसे में चाहे तो हेरिटेज से स्टाप की मांग की जा सकती है जैसे डायलेसिस के लिए की गयी है. इस पर मंत्री ने कहा कि इसको देखा जाएगा. फिर दोनों नेताओं में लॉकडाउन के दौरान बीत रही दिनचर्या पर चर्चा हुई और फिर नमस्कार के साथ काल समाप्त हो गयी.

दोनों नेताओं की चर्चा से दंग रहे मौजूद लोग

अक्सर एक दूसरे के धूर राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले नारद राय और आनंदस्वरूप शुक्ल की बातचीत देख वहां मौजूद मीडियाकर्मी दंग थे. सभी को लग रहा था कि यह आश्चर्य कैसे हो गया. आमतौर पर यह अवधारणा है कि नारद राय और आनंदस्वरूप की आपस में कभी बातचीत नहीं होती है और दोनों एक दूसरे को पसंद भी नहीं करते हैं. पर बुधवार की मोबाइल पर वार्ता ने दोनों के प्रति बनी अवधारणा को बदलने पर मजबूर कर दिया.

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