Lucknow News: उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल बना हुआ है. विधानसभा चुनाव की बयार में वादों की बारिश हो रही है. इसी बीच मंगलवार को केंद्र सरकार का आम बजट जारी होने जा रहा है. जाहिर है, जनता जनार्दन की उम्मीदें बढ़ गई हैं. खासकर, किसान वर्ग. किसान वर्ग को इस बजट से बहुत आस लगी हुई है.
लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित नटकुर गांव में रहने वाले किसान विशाल कुमार कहते हैं, ‘बजट से नौकरी-पेशा वाले लोगों को ज्यादा उम्मीद रहती है. हम किसानों को तो सस्ता उर्वरक, किसानी की अच्छी कीमत जिसे एमएसपी कहते हैं. यही सब चाहिए. अब देखते हैं कि क्या मिलता है?’ कुछ ऐसा ही चंद्रावल गांव के किसान हरिओम यादव भी कहते हैं, ‘उन्होंने कहा कि सिंचाई इतनी महंगी पड़ जाती है कि किसानी करने से मन टूट जाता है. बाजार में फसल का अच्छा भाव भी नहीं मिलता है. ऐसे में किसान अपने बच्चे को किसान बनाने तक से डरता है. बजट में किसानों के लिए राहत की खबर होनी चाहिए. खासकर, एमएसपी.’
केंद्र सरकार की ओर से 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया जाएगा. बजट में पूरे साल का आय-व्यय का ब्योरा होता है. मगर किसान आंदोलन के बाद से यह उम्मीद की जा रही है कि चुनावी माहौल में किसानों के लिए कुछ बड़ी रियायतों की घोषणा की जा सकती है. वहीं, इसमें डीजल का दाम घटाने की उम्मीद है तो उर्वरक की बोरी का भाव भी कम करने की ख्वाहिश. हालांकि, किसानों की इस उममीद पर केंद्र की मोदी सरकार कितना कारगर दूरी तय करेगी, यह देखना लाजिमि है.
यूपी की राजनीति में गन्ना भुगतान का एक बड़ा मुद्दा है. बंच पड़ी चीनी मिलों को चालू करवाना भी अहम मुद्दों में शुमार करता है. ऐसे में मंगलवार को जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट 2022-23 पेश कर रही होंगी तो उनसे इन विषयों पर भी घोषणा करने की उम्मीद लगाए हुए हैं. यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की बजट वाली पोटली में कुछ न कुछ जरूर लोकलुभावन घोषणा की जा सकती है.