Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. फिरोजाबाद एसीजेएम कोर्ट ने 15 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश त्रिपाठी ने आदेश दिया है. बता दें कि 2007 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोहल्ला हुसैनी में सांप्रदायिक एवं उत्तेजक भाषण देने पर उप जिलाधिकारी ने मामला दर्ज कराया था.
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं. आजम खां के खिलाफ शुक्रवार को एसीजेएम न्यायालय ने गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश त्रिपाठी ने 30 अप्रैल 2022 तक न्यायालय में पेश करने के आदेश पुलिस को दिए हैं. यह आदेश उच्च न्यायालय की ओर से लिए स्थगनादेश की समय सीमा समाप्त होने और पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की ओर से कोई जवाब दाखिल न किए जाने के कारण जारी किया गया है.
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मामला अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश त्रिपाठी के कोर्ट में चल रहा था. स्थगनादेश की तिथि समाप्त होने के बाद भी आजम के अधिवक्ता की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. वहीं आजम खान को लेकर सपा के अंदर भी एक घमासानहो रहा है. पार्टी के कई मुस्लिम नेता आजम खान का नाम लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साध रहे हैं. वहीं अब सपा ही नहीं बल्कि दूसरे पार्टियों के नेता भी आजम खान पर बयान दे रहे हैं.
इसी कड़ी में कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने आजम खान के साथ न्याय नहीं किया. आजम खान बहुत बड़ी मुसीबत में हैं और सपा ने ऐसे समय में उनका साथ नहीं दिया. इसलिए उनके मीडिया प्रभारी का जो बयान आया है वो एकदम सही है. इसके साथ ही कुरैशी ने ये भी कहा कि आजम को अब सपा छोड़ देनी चाहिए.