Lucknow News: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में निगरानी याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी. जिला जज के अवकाश पर रहने के कारण कोर्ट ने अगली तारीख 3 नवंबर की दे दी है. ये मामला भी हिंदू पक्ष की मांग को लेकर है. मामले पर पहले सुनवाई हो चुकी है. अब आपत्ति आने के बाद कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुनने के लिए बुधवार यानी आज का समय दिया था. वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुनवाई का सिलसिला लगातार जारी है. बुधवार दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई होनी थी.
दरअसल, ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज दोपहर 2 बजे से सुनवाई होनी थी. श्रृंगार गौरी की नियमित तौर पर पूजा-अर्चना किए जाने की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका में जिला जज की कोर्ट द्वारा मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज किए जाने के खिलाफ यह अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की गई है. इस दौरान जिला अदालत के सभी रिकॉर्ड हाईकोर्ट में पेश किए जाने थे.
वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में दायर की गई 16 पक्षकारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब इस मामले में कोई नई याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी. दरअसल, ज्ञानवापी मामले में विभिन्न पक्षकारों ने अलग-अलग तरह की 16 याचिकाएं दायर की थीं. सोमवार को वाराणसी जिला कोर्ट के न्यायाधीश ने सभी याचिकाओं को खारिज कर जो याचिका पर वर्तमान में सुनवाई हो रही है, उसे ही जारी रखने का आदेश दिया है.
ज्ञानवापी में स्थित कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर जिला अदालत का फैसला आ गया है. जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच से साफ इनकार कर दिया है. मामले में हिंदू पक्ष की मांग थी कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण किया जाए. तो वहीं मुस्लिम पक्ष इस मांग पर लगातार आपत्ति जता रहा है, और शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है. ऐसे में अब कोर्ट ने कार्बन डेटिंग से इनकार कर दिया है.
दरअसल, पांच हिंदू याचिकाकर्ताओं में से चार ने वाराणसी की स्थानीय अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए ‘शिवलिंग’ की कार्बन-डेटिंग की मांग की है. कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पुरातत्व में किसी वस्तु की उम्र को समझने के लिए किया जाता है. ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया है.