21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ज्ञानवापी केस: 30 साल बाद व्यास तहखाने में मिला नियमित पूजा का अधिकार, हिंदू पक्ष की बड़ी जीत

gyanvapi masjid case: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जिला प्रशासन को 7 दिनों के अंदर व्यवस्था करने के लिए आदेश दिया है. तहखाने में नियमित पूजा होगी.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दे दिया. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है.

तहखाने में पूजा पाठ कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के जिम्मे

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जिला प्रशासन को 7 दिनों के अंदर व्यवस्था करने के लिए आदेश दिया है. तहखाने में नियमित पूजा होगी.


Also Read: Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले मंदिर के साक्ष्य, ASI के सर्वे में भगवान की मूर्तियां मिली

नंदी महाराज के सामने से रास्ता खोला जाएगा

व्यास तहखाना नंदी जी के सामने स्थित है. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी के सामने बैठे नंदी महाराज के सामने से रास्ता खोला जाएगा.

नवंबर 1993 से था पूजा बंद

हिंदू पक्ष की बड़ी जीत इसलिए बताया जा रहा है, क्योंकि व्यास तहखाने में नवंबर 1993 के बाद से पूजा-पाठ बंद था. लेकिन जब कोर्ट ने पूजा करने का आदेश दे दिया है, तो हिंदू पक्ष के लोग बहुत खुश है. कोर्ट के फैसले का ऐतिहासिक बताया जा रहा है. हिन्दू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था.

ज्ञानवापी के वुजूखाना के सर्वेक्षण मामले में इंतेजामिया कमेटी को नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को बुधवार को नोटिस जारी किया. वादी राखी सिंह ने वाराणसी की अदालत द्वारा 21 अक्टूबर 2023 को सुनाये गये उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर वुजूखाना का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का निर्देश देने से मना कर दिया था. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को यह नोटिस न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत द्वारा जारी किया गया.

राखी सिंह की याचिका में क्या है खास

राखी सिंह, शृंगार गौरी पूजा अर्चना मुकदमे में वादकारियों में से एक है और यह मुकदमा वाराणसी की जिला अदालत में लंबित है. वाराणसी की अदालत में दाखिल अपनी याचिका में राखी सिंह ने प्राथमिक दलील दी थी कि विवादित संपत्ति का धार्मिक चरित्र तय करने के लिए शिवलिंग को छोड़कर वुजूखाना का सर्वेक्षण कराना आवश्यक है. राखी सिंह की याचिका खारिज करते हुए वाराणसी के जिला जज ने अपने आदेश में कहा था कि 17 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उस क्षेत्र का उचित संरक्षण का निर्देश दिया था जहां कथित शिवलिंग पाया गया था. इसलिए एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है क्योंकि इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें