Kanpur News: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पास से 197 करोड़ की ब्लैक मनी बरामद होने के आरोप में उसे जेल भेजा गया था. जेल में पीयूष जैन डॉक्टर बन गया है. वह बंदियों से लेकर अफसरों तक को होम्योपैथी का इलाज दे रहा है. जेल के अंदर जिस बंदी को तकलीफ होती है, वह उससे इलाज कराने पहुंच जाता है. उसकी लिखी दवा खाता है.
जेल के सूत्रों के मुताबिक, इत्र कारोबारी पीयूष जैन की होम्योपैथी में पकड़ इतनी अच्छी है कि कई बंदियों के साथ-साथ अब तो जेल के अफसर और कर्मचारी भी उससे दवा लिखवाने लगे हैं. जो सॉल्ट वह लिखता है अगर वह जेल में उपलब्ध नहीं है तो उसे बाहर से खरीदा जाता है. 26 दिसंबर, 2021 को पीयूष जैन के पास से 197 करोड़ की नगदी और 23 किलो सोना बरामद हुआ था. इसके बाद उसे जेल भेजा गया था. गिरफ्तारी के दौरान पीयूष अपने साथ 300 शीशी होम्योपैथी दवा लेकर गया था जो एक अलग झोले में भरी हुईं थीं. जेल प्रशासन की चेकिंग में दवाएं उसके पास मिली थीं. सारी दवा खुली शीशियों में थीं. इसे रखने की अनुमति न होने के कारण जेल प्रशासन ने सारी शीशियां जब्त कर ली थीं. जैसे-जैसे दिन गुजरे, जेल में बंद बंदियों से पीयूष जैन ने बात करना शुरू की.
कानपुर जेल में लगभग 1 महीने पहले एक बंदी को पथरी थी. बंदी को काफी तकलीफ हो रही थी. बंदी को पथरी का दर्द हो रहा था, उसी समय पीयूष वहीं से गुजर रहा था. उसने बंदी को देखा और होम्योपैथ की कुछ दवाएं लिखकर दीं. जेल अस्पताल में होम्योपैथ की दवाएं भी मौजूद हैं. जो दवाएं लिखी गई थीं वह बंदी को दी गईं. इससे बंदी को फायदा हुआ और तब से पीयूष की जेल में डॉक्टरी चल पड़ी.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी