Kannauj News: कन्नौज के शिक्षा विभाग में उस समय हड़कंप मच गया, जब फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे 13 शिक्षकों को अचानक बर्खास्त कर दिया गया. इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कुल 22 ऐसे शिक्षक थे, जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स लगाकर नौकरी कर रहे थे. कुल शिक्षकों में से 9 को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है. फिलहाल, सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिए गये हैं.
फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ सिंह का कहना है कि कन्नौज जिले में 1500 सहायक अध्यापक पदों के सापेक्ष करीब 1450 शिक्षक और शिक्षिकाओं की भर्ती हुई थी. शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान 22 ऐसे शिक्षक पाए गए जोकि फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी में आए.
डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन में जिन शिक्षकों को चिन्हिंत किया गया उन्हें पहले भी कई बार नोटिस देकर पक्ष रखने के लिए बुलाया गया, लेकिन कुल 22 शिक्षकों में से कोई भी नहीं आया. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आगे बताया कि, फर्जी सत्यापन कार्यालय में भिजवाकर शिक्षकों ने खुद को सही साबित करने का असफल प्रयास किया. पूर्व में नौ शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था. 13 शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में कुल 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई थी. इस भर्ती में चयनित शिक्षकों के अभिलेखों की जांच कराई गई तो कई गड़बड़ी सामने आईं. इनमें कन्नौज जिले में अध्यापकों के द्वारा लगाए गए अभिलेखों में भी गड़बड़ी मिली, जिसके बाद जब जांच कराई गई तो कुल22 ऐसे शिक्षक निकले, जिनके अभिलेख फर्जी पाए गये. मामले में कार्रवाई करते हुए 13 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है. फिलहाल, प्रशासन इस मामले में अभी अन्य शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर रहा है. कहीं भी कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा.