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कानपुर चिड़ियाघर बढ़ाएगा हिमालयन गिद्ध का वंश, नर-मादा की पहचान के लिए IVRI बरेली भेजे जाएंगे सैंपल…

कानपुर के बड़ी ईदगाह कब्रिस्तान में हिमालयी ग्रिफॉन गिद्ध को 8 जनवरी को वहां रहने वाले स्थानीय लोगों ने चादर डाल कर पकड़ लिया था. इसके चार दिन बाद उसका साथी 12 जनवरी को फर्रुखाबाद के कायमगंज की कटरी के पेड़ में बैठा मिला था. अब इस समय चिड़ियाघर में हैं.

Kanpur: शहर में मिले हिमालयन गिद्धों को कानपुर चिड़ियाघर में रखने की कवायद शुरू हो गई है. डॉक्टर कानपुर ईदगाह में मिले गिद्ध को नर और फर्रुखाबाद जनपद के कायमगंज से लाए गए हिमालयन गिद्ध को मादा मान रहे हैं. इसके बाद उनके वंश को बढ़ाने की संभावना पर विचार ​किया जा रहा है. हालांकि इससे पहले इनके नर या मादा होने की पुष्टि के लिए दोनों के सैंपल बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की प्रयोगशाला भेजे जाएंगे. वहां से मिली रिपोर्ट के आधार पर निर्णय किया जाएगा.

हिमालय में चल रही बर्फीली हवाओं के चलते खाने की तलाश में निकले हिमालयी ग्रिफॉन गिद्ध का जोड़ा कई दिनों से कानपुर के बड़ी ईदगाह कब्रिस्तान में घूम रहा था. जिसे विगत 8 जनवरी को वहां रहने वाले स्थानीय लोगों ने चादर डाल कर पकड़ लिया था. इस दौरान एक गिद्ध को तो पकड़ लिया गया. लेकिन, उसका साथी उड़ गया था.

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कानपुर चिड़ियाघर बढ़ाएगा हिमालयन गिद्ध का वंश, नर-मादा की पहचान के लिए ivri बरेली भेजे जाएंगे सैंपल... 2

साथी से बिछड़ने के चार दिन बाद गिद्ध 12 जनवरी को फर्रुखाबाद के कायमगंज की कटरी के पेड़ में बैठा मिला था. इसकी सूचना वन विभाग को मिली. इसके बाद वन रेंजर अरुण अवस्थी और उनकी टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ कर अपने साथ कानपुर ले आई है.

इस बीच कानपुर में मिले गिद्ध की स्थिति अब काफी बेहतर है. उसको स्वस्थ होने के लिए एक सप्ताह पहले क्वारंटीन किया गया था. चिकित्सकों के मुताकि अब गिद्ध स्वस्थ होने लगा है. वह डर से बाहर आने के साथ तनावमुक्त है.

वहीं इस गिद्ध के साथ कायमगंज से लाए गए गिद्ध की सैंपल रिपोर्ट बरेली स्थित आईवीआरआई लैब भेजी जाएगी. इसकी रिपोर्ट आने के बाद इनके नर या मादा होने की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. फिलहाल दोनों को अलग-अलग बाड़े में रखा गया है.

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प्राणि उद्यान के डॉक्टर अनुराग के मुताबिक कानपुर ईदगाह कब्रिस्तान से लाया गया गिद्ध जनता की भीड़ के बीच में फंस जाने से काफी सहमा हुआ था. हालांकि उसके स्वास्थ्य में कोई कमी नहीं मिली है. उसका वजन सात किलोग्राम है और चोंच सफेद रंग की है. गिद्ध का कलर स्लेटी है. डॉ. अनुराग का कहना है कि स्वस्थ हो जाने पर दोनों को एक ही बाड़े में रखा जाएगा. इसके साथ ही सैंपल रिपोर्ट आने पर हिमालयन ग्रिफन गिद्ध के वंश को बढ़ाने पर भी विचार होगा.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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