Uttar Pradesh News: कानपुर के चौबेपुर स्थित गांव में 2 जुलाई 2020 को हुए नरसंहार में कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी,घटना के सप्ताह भर बाद पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था.बिकरु कांड में मुकदमा अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है आपको बता दे कि बिकरुकाण्ड के मास्टरमाइंड और मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के छोटे भाई दीपू दुबे की हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई है.
दीपू दुबे पर आरोप है कि सजा होने के बाद भी राइफल का लाइसेंस बनवाया था पुलिस ने बिकरुकाण्ड में दीपू दुबे की रायफल के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. इसी मामले में निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद दीपू दुबे ने हाइकोर्ट में अपील की थी, जिसे गुरुवार को जस्टिस आर के गौतम की एकल पीठ ने सुनवाई में गंभीर अपराध मानते हुये खारिज कर दिया है.वही बिकरुकाण्ड के बाद पुलिस ने जब दीपू दुबे के घर छापेमारी की थी.जिसमे एक कार सरकारी नम्बर की जालसाजी करके इस्तेमाल करने और रायफल विकास दुबे के पास होना पाई गई थी.
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जबकि यह रायफल दीपू दुबे के नाम से ली गयी थी दीपू ने इस रायफल को सज़ायाफ़्ता होने के बाद जमानत पर बाहर आने पर बनवाई थी जिसे जिस पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला बनाया हुआ है इन्हीं सब मामलों और बिकरुकाण्ड में असलहे के इस्तेमाल होने को लेकर सुनवाई हो रही थी.जिस पर जस्टिस आरके गौतम ने दोनों पक्षों की बहस के बाद जमानत अर्जी को खारिज कर दी है.
बिकरुकाण्ड की पूरी पड़ताल में पुलिस ने पाया था, कि दीपू की राइफल का इस्तेमाल विकास दुबे ने घटना के वक्त किया था. हालांकि बिकरु कांड होने पर दीपू लखनऊ में था और घटना के बाद वह फरार हो गया था.घर की कुर्की होने के बाद दीपू ने कोर्ट में सरेंडर किया था पुलिस से पुछताछ में उसने कबूल किया था, कि उसकी राइफल विकास दुबे के पास ही रहती थी.