19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

साल 1909 में मोती लाल नेहरू बने थे UP विधान पर‍िषद के पहले कांग्रेस सदस्‍य, 113 साल बाद सिमट रहा इत‍िहास

मोती लाल नेहरू ने 7 फरवरी, 1909 को विधान परिषद की सदस्यता ली. उन्हें विधान परिषद में कांग्रेस का पहला सदस्य माना जाता है. 1920 में उन्होंने सदस्यता त्याग दी थी. अब कांग्रेस का यह गौरवशाली इत‍िहास समाप्‍त होने को है. 6 जुलाई को यूपी विधान पर‍िषद पूरी तरह से कांग्रेस व‍िहीन हो जाएगी.

UP MLC Congress History: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थापना 5 जनवरी, 1887 को हुई थी. उस समय मात्र 9 सदस्य थे. साल 1909 में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 46 कर दी गई. इनमें गैर सरकारी सदस्यों की संख्या 26 रखी गई थी. इन सदस्यों में से 20 निर्वाचित और 6 मनोनीत होते थे. मोती लाल नेहरू ने 7 फरवरी, 1909 को विधान परिषद की सदस्यता ली. उन्हें विधान परिषद में कांग्रेस का पहला सदस्य माना जाता है. 1920 में उन्होंने सदस्यता त्याग दी थी. अब कांग्रेस का यह गौरवशाली इत‍िहास समाप्‍त होने को है. 6 जुलाई को यूपी विधान पर‍िषद पूरी तरह से कांग्रेस व‍िहीन हो जाएगी. पर‍िषद में कांग्रेस के एकमात्र सदस्‍य दीपक स‍िंह रिटायर हो जाएंगे. 113 पुराना इत‍िहास अब धूम‍िल होने जा रही है.

दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस महज दो सीटें ही जीत सकी. इनमें से एक महराजगंज के फरेंदा से वीरेंद्र चौधरी और रामपुर खास से आराधना मिश्रा मोना हैं. अब कांग्रेस के लिए साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2027 में विधानसभा चुनाव में अपनी संख्‍या को बढ़ाना एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है. यहां यह जानना जरूरी है कि उच्च सदन में सत्ताधारियों का ही बोलबाला रहता है. आमतौर पर यह चुनाव सत्ता का ही माना जाता है. कांग्रेस पार्टी की बात करें तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बिगड़ती जा रही है. पार्टी के महज दो ही विधायक इस बार जीत पाए हैं.

पांचवीं पीढ़ी में खत्म हो रहा सियासी सफर

ऐसे में कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधान परिषद में किसी भी प्रत्याशी को जिता पाना संभव नहीं है. इसील‍िए यूपी विधान पर‍िषद में कांग्रेस का सूरज अस्‍त हो ने जा रहा है. विधान परिषद की 13 सीटें छह जुलाई को रिक्त हो रही हैं. इनमें सर्वाधिक 6 सीटें सपा, भाजपा की 3, बसपा की 3 और कांग्रेस की 1 सीट शामिल है. बीते 113 साल के इत‍िहास में पहली बार ऐसा होगा जब विधान परिषद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व ही नहीं होगा. उसके एकमात्र सदस्य दीपक सिंह का उस दिन कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. इस तरह से कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे मोतीलाल नेहरू से प्रारंभ हुआ यह सिलसिला उनकी पांचवीं पीढ़ी के समय में खत्म हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें