Varanasi News: बाबा विश्वनाथ की महिमा पूरे विश्व में व्याप्त है. यही कारण है कि भारत ही नहीं लंदन में भी काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से 25 किलो वजनी नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा. यह मंदिर लंदन के काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाएगा. इस मंदिर को बनाने का कार्य काशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् मैंनेजिंग सोसाइटी की देखरेख में किया जा रहा है.
लंदन में बन रहे इस मंदिर में 25 किलो वजनी नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा. यह शिवलिंग मंगलवार को फ्लाइट से लंदन ले जाया जाएगा. उससे पहले आज बाबा विश्वनाथ का 1008 कलश जल से अभिषेक करने के बाद 20 किलो चांदी से बना नया आसन अर्पित किया गया. लगभग 15 साल बाद सावन के दूसरे सोमवार से शयन आरती के बाद बाबा विश्वनाथ नए आसन में रात्रि विश्राम किया करेंगे.
वाराणसी के काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने के लिए जहां एक तरफ लाखों की संख्या में विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का रेला लगता है, वहीं अब लंदन रहने वाले श्रद्धालुओं को उनके ही शहर में बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन मिलेगा. वाराणसी के बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर लंदन में बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर बनाया गया है और इस मंदिर में आगामी 2 दिनों के बाद काशी से शिवलिंग ले जाकर स्थापित किया जाएगा.
श्रीकाशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् मैंनेजिंग सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि दुनिया के प्रमुख देशों में हमने 65 शिव मंदिर बनवाए हैं. हमारा एकमात्र उद्देश्य विश्व कल्याण की कामना के साथ बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना है. लंदन में बाबा विश्वनाथ के नाम का मंदिर बनेगा तो वहां के लोग काशी और हमारे आराध्य देव भगवान शिव के बारे में अच्छे से जान सकेंगे. अभी आगे कई अन्य देशों में भी शिव मंदिर बनाने के बारे में हमने सोच रखा है.
विश्व कल्याण की कामना के साथ श्रीकाशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् मैंनेजिंग सोसाइटी के संयोजन में सिगरा स्थित शिक्रा अन्ना मलईयार नंदवनम् परिसर में तीन दिवसीय महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया गया. यज्ञ में एक लाख आठ आहुतियों की पूर्णाहुति 108 वैदिकों के द्वारा संपन्न कराई गई.
सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि लंदन श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित किया जाएगा, उसे डॉ. एस देवकोट्टई ने दिया है. लंदन में स्थापित होने वाले शिवलिंग की तीन दिवसीय महारुद्र यज्ञ में विधिविधान से पूजा कर प्राण प्रतिष्ठा की गई है. उसके बाद गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी सहित अन्य पवित्र नदियों के जल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया. फिर, एएन सुब्बैह द्वारा दिया गया 20 किलो चांदी का आसन बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया गया.
रिपोर्ट- विपिन सिंह