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प्राकृतिक खेती से फर्टिलाइजर केमिकल पेस्टिसाइड से मिलेगी मुक्ति : योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में राज्य स्तरीय गौ-आधारित प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022 का शुभारंभ किया. इस कार्यशाला में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद थे. सीएम ने इस मौके पर प्राकृतिक खेती करने वाले पांच किसानों को सम्मानित किया.

Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य स्तरीय गौ-आधारित प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022 का शुभारंभ किया. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस कार्यशाला में उन्होंने प्राकृतिक खेती विधा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पांच किसानों को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती को मिशन मोड के रूप में शुरू किया गया है. प्रदेश सरकार भी इस कार्यक्रम के साथ जुड़ी है.

प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बढ़ रहा गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का अभियान

सीएम योगी ने इस मौके पर कहा कि राज्य स्तरीय गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन भारत की आस्था को बचाने के साथ-साथ धरती माता को उसके वास्तविक स्वरूप में बनाये रखने का एक अभियान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बढ़ा रहे हैं. उनका सानिध्य इस कार्यक्रम के लिये पूरे देश को मिल रहा है.

01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही सरकार

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने बुंदेलखंड सभी सात जिलों के 47 विकासखंडों में 11,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 235 क्लस्टर बनाकर गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के लिए बजट के साथ-साथ अनुदान की व्यवस्था की है. गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के लिए प्रदेश में 27 जनपदों का चयन किया गया है. इन जनपदों में प्रदेश सरकार लगभग 62,200 हेक्टेयर क्षेत्रफल को चिहिन्त कर 1244 क्लस्टर विकसित करेगी. प्रदेश सरकार लगभग 01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है.

गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कानपुर में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था, उस समय मां गंगा की अविरलता व निर्मलता को बचाये रखने के साथ ही, गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती करने, गौ-आधारित नर्सरी को प्रोत्साहन एवं वैज्ञानिक फसलों को आगे बढ़ाने का कार्य करने का लक्ष्य रखा गया.

प्राकृतिक खेती के उत्पाद संरक्षण, बिक्री की होगी व्यवस्था

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 04 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती के प्रमाणन के लिए लैब की स्थापना की जा रही है. पहले चरण में चारों कृषि विश्वविद्यालय, दूसरे चरण में सभी 89 कृषि विज्ञान केंद्रों में प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन को आगे बढ़ाया जाएगा. प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बेहतर मार्केट की भी व्यवस्था करेगी. प्राकृतिक खेती से उत्पन्न सभी प्रकार के अन्न, फल, सब्जी के संरक्षण एवं बिक्री की विशेष व्यवस्था की जाएगी.

प्राकृतिक खेती से प्रति एकड़ लागत में आएगी कमी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राकृतिक खेती से फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड से मुक्ति मिलेगी. साथ ही प्रति एकड़ कृषि लागत में भी कमी आएगी. पिछले 02-03 वर्षों में कृषि वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और वह इस क्षेत्र में अपना योगदान भी दे रहे हैं. वह जनपदों में कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित वस्तुओं की प्रदर्शनी को भी देखा.

यूपी सीएम योगी की विल पॉवर से आदर्श राज्य बना: आचार्य देवव्रत

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि 70 वर्ष के बीमारू प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विल पावर से 05 वर्ष में एक आदर्श राज्य में बदला है. उत्तर प्रदेश आज एक मॉडल के रूप में उभरा है. मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का जो बीड़ा उठाया, वह सराहनीय है. इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम भी मौजूद थीं.

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