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नये वर्ष पर PM ने छह राज्यों के शहरी गरीबों को दिया तोहफा, मुख्यमंत्रियों से बोले- देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नयी दिशा दिखायेंगे प्रोजेक्ट

On the new year, Prime Minister gave a gift, to the urban poor, of six states, said to the Chief Ministers, the project will show, new direction, to the housing construction, in the country : नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये वर्ष पर शहरी क्षेत्र के गरीबों को तोहफा दिया है. उन्होंने नये वर्ष की शुरुआत पर वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिये छह राज्‍यों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) की आधारशिला रखी. एलएचपी का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जायेगा. इसके तहत प्रत्येक स्थान पर करीब एक हजार घर शामिल होंगे. इस समारोह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से बात भी की.

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये वर्ष पर शहरी क्षेत्र के गरीबों को तोहफा दिया है. उन्होंने नये वर्ष की शुरुआत पर वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिये छह राज्‍यों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) की आधारशिला रखी. एलएचपी का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जायेगा. इसके तहत प्रत्येक स्थान पर करीब एक हजार घर शामिल होंगे. इस समारोह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से बात भी की.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि आवास की इस योजना में उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्र में सबके लिए अब तक 17 लाख से अधिक परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया है. इनमें से 6,15,000 आवास पूर्ण होकर सभी गरीब परिवारों को उपलब्ध कराये जा चुके हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना मकान होगा. यह कहते हुए प्रसन्नता होती है कि शहरी क्षेत्र में एक करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र में तीन करोड़ घरों के निर्माण का काम किया गया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत, केंद्र और राज्य सरकार की मदद से यहां 1,008 घरों का निर्माण किया जायेगा. यहां रहनेवाले लोगों की आय कम है. क्योंकि, उनमें से ज्यादातर मजदूर हैं. हमें यह अनुमान लगाना चाहिए कि हम उनके वित्तीय बोझ को कैसे कम कर सकते हैं.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी के लिए आवास की परिकल्पना की थी. इस साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जायेंगे. यह कार्यक्रम आंध्र प्रदेश राज्य के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है, जो प्राकृतिक आपदाओं जैसे चक्रवात, बाढ़ आदि की चपेट में है. साथ ही उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने पीएमवाईए अर्बन को लागू करने के लिए देश में नेतृत्व किया है. राज्य सरकार ने 30.75 लाख पात्र लोगों को घर देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस उद्देश्य के लिए लाभुकों के बीच 68,677 एकड़ वितरित किया गया है.

मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को नये साल की शुभकामनाएं दीं. साथ ही कहा कि आज नयी ऊर्जा, नये संकल्पों के साथ और नये संकल्पों को सिद्ध करने के लिए तेज गति से आगे बढ़ने का शुभारंभ है. उन्होंने कहा कि एक समय में आवास योजनाएं केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थीं, जितनी होनी चाहिए. सरकार घर निर्माण की बारीकियों और गुणवत्ता पर नहीं जाती थी. आज देश ने एक अलग अप्रोच चुना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये छह प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं. ये देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नयी दिशा दिखायेंगे. देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है. हर जगह एक साल में एक हजार घर बनाये जायेंगे. इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 ​घर बनाने का औसत आयेगा. अगली 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है.

उन्होंने कहा कि देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नयी और सस्ती तकनीक विकसित की जायेगी. घर बनाने से जुड़े लोगों को नयी तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के​ लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है, ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके. उन्होंने कहा कि लोगों के पास अब रेरा जैसे कानून की शक्ति है. रेरा ने लोगों में ये भरोसा लौटाया है कि जिस प्रोजेक्ट में वो पैसा लगा रहे हैं, वो पूरा होगा. उनका घर अब फंसेगा नहीं.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग हमारे मजदूर के सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते थे. कोरोना ने उन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया. शहरों में हमारे श्रमिकों को उचित किराये पर मकान उपलब्ध नहीं होते हैं. हमारे श्रमिक गरिमा के साथ जीवन जिये, ये हम सब देशवासियों का दायित्व है. इसी सोच के साथ सरकार उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराये वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है और कोशिश ये भी है कि जहां वो काम करते हैं, उसी इलाके में उनका मकान हो.

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