Bareilly News: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव से पहले करीब 100 से अधिक ग्राम प्रधान, बीडीसी और हजारों ग्राम पंचायत सदस्यों की कुर्सी छीन जाएगी. यह प्रधान, बीडीसी और सदस्य कुर्सी छिनने के बाद मेयर, चेयरमैन, मेयर, पार्षद और सभासद का चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि, यूपी की 100 से अधिक ग्राम पंचायत नगर निकाय के परिसीमन में निकायों में शामिल होंगी.
यूपी में वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव की अपेक्षा शहरी निकायों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पिछली बार 653 शहरी निकाय में चुनाव हुआ था. उस वक्त 16 नगर निगम, 198 नगर पालिकाएं और 438 नगर पंचायत थीं. मगर, इस बार शहरी निकायों की संख्या बढ़कर 763 हो चुकी है. पहली बार शाहजहांपुर को नगर निगम बनाया गया है. इससे नगर निगम की संख्या बढ़कर 16 से 17 नगर निगम में चुनाव होगा.
इसके साथ ही नगर पालिकाओं की संख्या बढ़कर 200 के पार हो गई है, जबकि करीब, 546 नगर पंचायतों में इस बार चुनाव होंगे. यूपी सरकार ने पिछले पांच वर्ष में सरकार ने 126 शहरी निकाय की सीमा का विस्तार किया है. इससे शहरी क्षेत्र का दायरा और बढ़ा है, लेकिन ग्राम पंचायतों की संख्या काफी कम हुई है. ग्राम पंचायतों के निकाय में शामिल होने से ग्राम प्रधान, बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों का डेढ़ वर्ष में ही कार्यकाल खत्म हो जाएगा. मगर, यह सभी मेयर, चेयरमैन, पार्षद और सभासद का चुनाव लड़ सकते हैं.
नगर निकाय में 2017 में कुल 3.36 करोड़ वोटर थे.मगर, इस बार चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले 20 फीसद निकायों की सीमा का विस्तार हुआ है.निकायों की संख्या में करीब 15 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.इससे निकाय में मतदाताओं की संख्या में 75 लाख से 1 करोड़ तक इजाफा हो सकता है.इस बार 4 करोड़ से अधिक मतदाता होना तय हैं.
नगर निकाय में परिसीमन से 15 हजार से अधिक नए वार्ड भी बढ़ने का अनुमान है.इससे पार्षद और सभासद की संख्या बढ़ेगी.निकाय में परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. नगर निकाय 2022 के चुनाव में 10 से अधिक नगर निगमों की सीमाएं बढ़ीं हैं.46 नगर पालिकाओं का दायरा बढ़ाया गया है.70 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया है.108 से अधिक नई नगर पंचायतों का गठन किया गया है.इस कारण निकाय 653 से 763 निकाय हो गए हैं.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली