Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर थियेटर एंड फिल्म द्वारा आयोजित थियेटर एंड फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन नाटक संक्रांति का मंचन हुआ. महाभारत की कथा पर आधारित यह नाटक यह दिखाने में सफल हुआ कि किस तरह नेत्रहीन पति का साथ निभाने के लिए आंख पर पट्टी बांधकर स्वयं को नेत्रहीन बना लेने वाली गांधारी की पीड़ा तब और बढ़ जाती है जब वही पति यानी धृतराष्ट्र उसे नहीं समझ पाता.
नाटक में दिखाया गया कि किस तरह अपने बेटों के लिए बिलखती मां उन सपनों के टूटने का गम मनाती है, जिन्हें उसने बहुत ही जतन से सजाने का काम किया था. संजय की जुबानी, युद्ध की कहानी कुछ यूं बयां होती है कि दर्शक पूरे समय मंच से जुड़े रहते हैं.
सेंटर के कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर संजय दत्ता राय के निर्देशन में प्रस्तुत हुए इस नाटक में संजय की भूमिका अभिषेक ने, धृतराष्ट्र की भूमिका अजीत ने और गांधारी की भूमिका संयुक्ता ने बखूबी निभाई. तकनीकी सहयोग जयप्रकाश, प्रकाश संयोजन अंकित कुमार तथा संगीत राजमणि मौर्या का था.
प्रस्तुति सहयोग जया कपूर और नंदिनी दत्ता राय का था. नाटक के बाद राजमणि मौर्य द्वारा निर्देशित फिल्म फोकलवा का प्रदर्शन हुआ. यह फिल्म कई फिल्म समारोहों में पुरस्कृत हो चुकी है. कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रोफ़ेसर जया कपूर ने सभी का स्वागत किया.
इस अवसर पर प्रो. मोना खरे, प्रो. आशीष सक्सेना, प्रो. धनंजय यादव, प्रो. प्रशांत घोष, प्रो. नीलम सरन गौर, प्रो. अनुराधा अग्रवाल, डॉ. राजीव पारघी, डॉ. धनंजय चोपड़ा, सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी