Kanpur News: रक्षाबंधन के त्योहार से बाजार में हुई बिक्री ने कारोबारियों के चेहरों पर चमक ला दी है. मिठाई, सर्राफा, कपड़ा, गिफ्ट कारोबार जमकर लक्ष्मी बरसीं. कोरोना की मार के कारण दो साल से रक्षाबंधन पर दुकानदारी न होने के कारण त्योहार फीका रहा था. वहीं, इस साल बाजारों में रौनक लौटने से बड़े-छोटे दुकानदार उत्साहित हैं. 200 करोड़ रुपये की मिठाई, नमकीन व खाद्य सामग्री की बिक्री हुई. साथ ही, 18 करोड़ से ज्यादा की राखियां बिक गईं. देशी राखियों का कारोबार इस बार 50 फीसदी से ज्यादा रहा. दो दिनों में 400 करोड़ की खरीदारी हुई.
दो दिन का रक्षाबंधन बाजार में खुशहाली लेकर आया. इस बार सोने व चांदी की राखियों का भी खूब क्रेज रहा. बहनों ने 3 लाख रुपये तक की रत्न जड़ित सोने की राखी भाई को बांधी. नयागंज, बिरहानारोड, चौक, स्वरूपनगर, गुमटी, पीरोड, गोविंदनगर, श्यामनगर, किदवईनगर समेत शहर के प्रमुख बाजार के ज्वैलरी शो रूम में ब्रेसलेट की डिजाइन में एक लाख से तीन लाख तक की राखी बिकी. चांदी की राखियां 500 से 1500 रुपए की बिकीं. भाइयों ने बहनों को सोने की अंगूठी, चेन, टॉप्स, चांदी की पायल भेंट की. लगभग 150 करोड़ का सराफा काराबोर हुआ.
कानपुर के बड़े बाजारों में शुमार जनरलगंज, चौक, मेस्टन रोड थोक व शहरभर की दुकानों में राखियां बिकीं. वहीं, राखी विक्रेता अजय गुप्ता ने बताया कि इस बार बाजार ने निराश नहीं किया. शहर में 2 करोड़ रुपये की देशी राखियां तैयार की गई. यहां तैयार की गई राखियों की कानपुर देहात, फतेहपुर, उन्नाव, औरैया, इटावा व आसपास के जिलों में खूब डिमांड थी.
कानपुर की नामचीन दुकानों में महंगी मिठाई खरीदने को सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ी. 650 रुपये से 1450 रुपये प्रति किलोग्राम की खूब डिमांड रही. बादाम, मेवे की मिठाई 1800 रुपये प्रति किलो तक बिकी. शहर में 2000 से ज्यादा मिठाई की दुकानों में 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री रही. चॉकलेट, टाफी, कोल्ड ड्रिंक पैक, चिप्स पैक के गिफ्ट हैम्पर बच्चों के देने के लिए लोगों ने खूब खरीदे.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी