16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Election: सपा और अपना दल (कमेरावादी) गठबंधन में दरार? रोहनिया सीट पर दोनों के प्रत्याशियों का नामांकन

सपा और अपना दल (कमेरावादी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी विवाद लगातार जारी है. वाराणसी की रोहनिया सीट से सपा और कमेरावादी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अपना दल के प्रत्याशी अभय पटेल ने नामांकन किया. इसके बाद सपा के धर्मेंद्र सिंह दीनू ने भी नामांकन कर दिया.

Varanasi News: समाजवादी पार्टी और अपना दल (कमेरावादी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी विवाद लगातार जारी है. वाराणसी की रोहनिया सीट से सपा और कमेरावादी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अपना दल के प्रत्याशी अभय पटेल ने नामांकन किया है. इसके साथ ही बड़े ही गुपचुप तरीके से सपा के रोहनिया विधानसभा प्रत्याशी के लिए धर्मेंद्र सिंह दीनू भी गुरुवार को नामांकन करने पहुंचे, जिसके बाद से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है.

सपा और अपना दल (कमेरावादी) के बीच अंदरूनी विवाद

दोपहर में करीब एक बजे अपना दल (कमेरावादी) के अभय पटेल नामांकन करने निर्वाचन कार्यालय पहुंचे. अभय पटेल के साथ सपा के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, पूर्व राज्य मंत्री मनोज राय धूपचंडी समेत सभी पार्टी के पदाधिकारी थे. नामांकन के बाद अभय पटेल दो बजे के बाद वापस चले गए. इसके बाद नामांकन के आखिरी दिन और आखिरी वक्त पर अचानक अपने समर्थकों के साथ धर्मेंद्र सिंह दीनू जिला निर्वाचन के कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन सपा के सिंबल पर किया.

शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर किया नामांकन

इस खबर के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई. सपा ने अचानक कैसे धर्मेंद्र सिंह दीनू को प्रत्याशी घोषित कर दिया नेता इस बात से हैरान हैं. अभय पटेल और धर्मेंद्र सिंह दीनू के नामांकन के बाद से रोहनिया सीट पर लड़ाई दिलचस्प हो गयी है. नामांकन करने के बाद अपना दल (कमेरावादी ) के अभय पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रोहनिया सीट पर इस बार मां ( कृष्णा पटेल ) और बेटी ( अनुप्रिया पटेल ) के बीच लड़ाई है. अभय पटेल से पूछा कि क्या वो अपना नामांकन वापस लेंगे तो इस बात से इनकार करते हुए इशारे में कहा कि उनके पीठ पर छुरी घोपी गयी है और शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं जो आदेश होगा वो पालन करेंगे.

2012 में अनुप्रिया पटेल ने दर्ज की थी जीत

दरअसल, 2012 के परिसीमन में रोहनिया एक नए विधान सभा क्षेत्र के रूप में सामने आई. करीब 3 लाख 91 हज़ार मतदाताओं वाली ये विधान सभा गंगापुर की 65 और कैंट विधान सभा की 47 ग्राम पंचायतों को इसमे समाहित किया गया. इस विधान सभा क्षेत्र से होकर ही एनएच 2 गुज़रता है और इसी हाईवे के किनारे इस विधान सभा का अधिकांश क्षेत्र पड़ता है. पटेल बाहुल्य इस क्षेत्र में 2012 में सोनेलाल पटेल की अपना दल से अनुप्रिया पटेल ने चुनावी जीत दर्ज की फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल के भाजपा से गठबंधन होने पर अनुप्रिया पटेल ने मिर्ज़ापुर से सांसद का चुनाव जीता.

2017 में बीजेपी का रहा कब्जा

2014 में हुए उप चुनाव में सपा के दिग्गज और मंत्री सुरेंद्र पटेल के भाई महेंद्र पटेल ने इस सीट से जीत दर्ज की इस उपचुनाव में अनुप्रिया पटेल की मां, अपना दल की कृष्णा पटेल को हार मिली. इसी उपचुनाव में हार के बाद अपना दल में अनुप्रिया पटेल और कृष्ना पटेल के बीच मनमुटाव शुरू हुआ और अपना दल में दो फाड़ हो गया. 2017 के चुनाव में ये सीट भाजपा के सुरेंद्र सिंह ओढ़े ने जीती. सपा और कांग्रेस के मिलकर चुनाव लड़ने के बाद भी महेंद्र पटेल इस सीट को नहीं बचा सके.

Also Read: UP Election: CM केजरीवाल का प्रयागराज दौरा जल्द, जिले की सभी सीटों पर AAP ने उतारे प्रत्याशी, देखें लिस्ट

रिपोर्ट- विपिन सिंह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें