Jaswant Nagar Election Results: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे घोषित हो गये हैं. अभी तक आये रुझान में बीजेपी की सरकार बनते दिखाई दे रही है. वहीं अगर जसवंत नगर सीट की बात करें तो यहां से प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 80 हजार वोटों से जीत हासिल की है.
शिवपाल सिंह यादव का जन्म 6 अप्रैल 1955, सैफई के इटावा में हुआ था. शिवपाल सिंह ने जनसंघर्षों में भाग लेना और नेतृत्व करना अपने नेता और अग्रज मुलायम सिंह यादव जी से सीखा. इनके पिता स्वर्गीय सुधर सिंह अत्यंत सरल हृदय एवं कर्मठ किसान थे और माता स्वर्गीय मूर्ती देवी एक कुशल गृहिणी थी. वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं. वहीं अखिलेश यादव के चाचा है. मार्च 2017 में सम्पन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में वे इटावा जिले के जसवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये. ये मायावती सरकार के कार्यकाल में 5 मार्च 2012 तक प्रतिपक्ष के नेता भी रहे.
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शिवपाल सिंह यादव ने गांव की प्राथमिक पाठशाला से पूर्व माध्यमिक शिक्षा उत्तम श्रेणी में उत्तीर्ण की. इसके पश्चात् हाईस्कूल और इंटररमीडिएट की शिक्षा के लिए जैन इंटर कॉलेज, करहल, मैनपुरी में प्रवेश लिया. जहां से उन्होंने सन् 1972 में हाईस्कूल और साल 1974 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की. तत्पश्चात् शिवपाल सिंह यादव ने स्नातक की पढ़ाई सन् 1976 में केके डिग्री कालेज इटावा (कानपुर विश्वविद्यालय) और साल 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीपीएड शिक्षा प्राप्त की.
शिवपाल सिंह यादव साल 1995 से लेकर 1996 तक इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे. इसी बीच 1994 से 1998 के अंतराल में उत्तरप्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष का दायित्व संभाला. तेरहवीं विधानसभा में वे जसवंत नगर से विधानसभा का चुनाव लड़े और ऐतिहासिक मतों से जीते. इसी वर्ष वे समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव बनाये गये. उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने के लिए अनिर्वचनीय मेहनत की.
साल 2007 को मेरठ अधिवेशन में शिवपाल जी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया. रामशरण दास के महाप्रयाण के पश्चात् 6 जनवरी, 2009 को वे पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बने. शिवपाल ने सपा को और अधिक प्रखर बनाया. नेताजी और जनेश्वर के मार्गदर्शन और उनकी अगुवाई में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित हुई. वे मई 2009 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल की भूमिका दी गई. बसपा की बहुमत की सरकार के समक्ष नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी तलवार की धार पर चलने जैसा था. उन्होंने इस दायित्व को संभाला और विपक्ष तथा आम जनता के प्रतिकार के स्वर को ऊंचा रखा.