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Vinay Pathak Case: एसटीएफ के सामने बयान देने से कतरा रहे शिक्षक, पूछताछ से बचने के लिए बना रहे बहाने

Vinay Pathak Case: आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति रहे प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में हुए कार्य और योजनाओं पर एसटीएफ बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. साथ ही प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में उनके खास रहे शिक्षक और अधिकारियों पर एसटीएफ लगातार पूछताछ कर रही है.

Agra News: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dbrau) के शिक्षक और अधिकारियों में एसटीएफ (STF) का खौफ साफ तौर पर नजर आ रहा है. एसटीएफ ने कई शिक्षक और अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शिक्षक नए नए बहाने बनाकर एसटीएफ की पूछताछ से बचने की कोशिश कर रहे हैं. एसटीएफ विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलपति रहे प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में करीबी रहे शिक्षकों और अधिकारियों से पूछताछ में जुटी हुई है.

शिक्षकों और अधिकारियों से पूछताछ में जुटी STF

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में करीब 1 महीने से एसटीएफ ने डेरा जमा रखा है. विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यवाहक कुलपति रहे प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में हुए कार्य और योजनाओं पर एसटीएफ बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. साथ ही प्रोफेसर विनय पाठक के कार्यकाल में उनके खास रहे शिक्षक और अधिकारियों पर एसटीएफ की पैनी नजर बनी हुई है. समय-समय पर एसटीएफ ऐसे शिक्षकों और अधिकारियों से पूछताछ करने में लगी हुई है.

प्रोफेसर पाठक पर कमीशन देने का मुकदमा

दरअसल, प्रोफेसर पाठक के खिलाफ लखनऊ के इंद्रा नगर में कमीशन देने का मुकदमा दर्ज किया था. उसके बाद से ही उनके खिलाफ एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है. आगरा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पाठक जनवरी से सितंबर तक कार्यवाहक कुलपति के रूप में रहे थे. ऐसे में उनके समय में हुए निर्णय, भुगतान आदि की जानकारी एसटीएफ लगातार जुटाने में लगी है.

पूछताछ से बचने में जुटे शिक्षक और अधिकारी

एसटीएफ अब तक प्रोफेसर विनय पाठक के करीबी कई शिक्षकों से पूछताछ कर चुकी है और लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है. वहीं एसटीएफ में कई शिक्षकों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा तो शिक्षक तरह-तरह के बहाने बनाने लगे. एसटीएफ ने जब एक शिक्षक को पूछताछ के लिए बुलाया तो वह बीमारी का बहाना लगाने लगे. वही एक शिक्षक ने तो पूछताछ के लिए बुलाने पर इस्तीफे की धमकी तक दे डाली. वहीं कुछ अन्य अधिकारी जो एसटीएफ की रडार पर हैं, जब एसटीएफ ने उनसे भी संपर्क साधना चाहा तो वह अपने आप को शहर से बाहर बताने लगे. शिक्षक और अधिकारियों के बहानों के बावजूद भी एसटीएफ लगातार उनसे संपर्क साधने में लगी हुई है.

रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा

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