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परीक्षा में 14,73,771 बालक और 11,35,730 बालिकाएं होती शामिल
इस साल यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में 14,73,771 बालक और 11,35,730 बालिकाओं को मिलाकर कुल 26,09,501 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं, जिन्हें बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था.
सरकार ने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा भी निरस्त कर दी थी
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए 26 लाख परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले महीने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा भी निरस्त कर दी थी. इसके बाद हाई स्कूल के 30 लाख परीक्षार्थियों को 11वीं कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा.
बैठक में प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी शामिल थे
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस सिलसिले में की गई बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी शामिल थे.
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया
कोरोना महामारी के मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं भी गुरुवार को रद्द कर दी गई. सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है.
इस बार 26,09,501 विद्यार्थी पंजीकृत
उत्तर प्रदेश बोर्ड 12वीं में इस बार 26,09,501 विद्यार्थी पंजीकृत हैं. आपको बता दें कि बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षाएं पहले की रद्द हो चुकी हैं.
करीब 26 लाख छात्रों को राहत मिलेगी
सरकार के इस फैसले से कोरोना संकट के बीच पशोपेश में फंसे करीब 26 लाख छात्रों को राहत मिलेगी.
डॉ. दिनेश शर्मा ने इसका ऐलान किया
उत्तर प्रदेश में 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है. डेप्युटी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने इसका ऐलान किया है.
12वीं की परीक्षा रद्द
उत्तर प्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है.
शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा कोई फैसला ले सकते हैं
सूत्रों की मानें तो गुरुवार को सीएम योगी के साथ बैठक के बाद यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा कोई फैसला ले सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया. कोर्ट ने सीबीएसई, सीआईएससीई से 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंड दो हफ्तों के भीतर पेश करने को कहा है.
आज हो सकता है फैसला
आपको बता दें कि इससे पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा जुलाई माह के दूसरे हफ्ते में यूपी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा कराये जाने के संकेत दे चुके हैं.
शिक्षाविद् के अनुसार
शिक्षाविद् के अनुसार जिन बच्चों ने बोर्ड परीक्षा की बेहतर ढ़ंग से तैयारी की है, उन्हें भी परीक्षा रद्द होने से कोई खास नुकसान नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके शिक्षक उनकी योग्यता और क्षमता से बखूबी वाकिफ होते हैं और उन्हें आन्तरिक मूल्यांकन में उनके पर्फामेंस के आधार पर अच्छे अंक देने का काम ही किया जाएगा.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
परीक्षा के रद्द हो जाने पर बच्चे भी मन लगाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे.
संशय दूर होगा
भावना शिक्षार्थी के अनुसार सरकार यदि परीक्षा नहीं कराने का जल्द फैसला लेती है, तो इससे बच्चों और अभिभावकों के बीच बोर्ड परीक्षा को लेकर जो संशय बना हुआ है वह दूर हो जाएगा.
बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता दें
यूपी बोर्ड की पूर्व उप सचिव भावना शिक्षार्थी के अनुसार बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बारहवीं की बोर्ड परीक्षा भी तत्काल सरकार को रद्द करने का काम करना चाहिए.
बच्चों को करें पास
शिक्षाविद् भी सूबे के मुख्यमंत्री योगी सरकार से परीक्षा रद्द कर आन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर ही बच्चों को पास करने की बात कहते नजर आ रहे हैं.
परीक्षा न कराए जाने की मांग
उत्तर प्रदेश बोर्ड के बारहवीं के परीक्षार्थी भी कोरोना की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से कम तैयारी और कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए परीक्षा न कराए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं.
दबाव बढ़ा
उत्तर प्रदेश में जारी कोरोना संकट के बीच सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षायें रद्द किए जाने के फैसले के बाद यूपी बोर्ड (UP Board) की बारहवीं की परीक्षा (Class 12th Exam) रद्द करने का भी दबाव बढ़ चुका है.
सीबीएसई बोर्ड ने सबसे पहले लिया निर्णय
आपको बता दें कि सीबीएसई बोर्ड ने ही सबसे पहले 10वीं की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया था, जिसके बाद कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश के कई अन्य राज्यों के परीक्षा बोर्डों ने भी दसवीं और बारहवीं की परीक्षायें रद्द करने का निर्णय लिया.
परीक्षा को रद्द करने की मांग तेज
अब सीबीएसई बोर्ड द्वारा गत मंगलवार को बारहवीं की परीक्षायें रद्द करने के फैसले के बाद यूपी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा को रद्द करने की भी मांग तेज हो चली है.
गोवा सरकार ने राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कीं
गोवा सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर बुधवार को गोवा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ट्वीट कर कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद कक्षा 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया गया क्योंकि हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है.
Posted By : Amitabh Kumar