UP Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा को बरेली मंडल में बड़ा झटका लगा है. बदायूं के बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक आरके शर्मा ने सोमवार दोपहर सपा ज्वाइन कर ली है. उनको लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया. वह आंवला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे क्योंकि, बिल्सी विधानसभा सीट सपा पहले ही महान दल को दे चुकीं है.
बिल्सी से महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य के बेटे चंद्रप्रकाश मौर्य की घोषणा हो चुकी है. पंडित आरके शर्मा आंवला विधानसभा से वर्ष-2007 में भी बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. विधायक शर्मा के सपा में शामिल होने को लेकर काफी समय से चर्चा थी. मगर, यह चर्चा सोमवार को खत्म हो गई है. उन्होंने लखनऊ में सपा का दामन थाम लिया है. पंडित आरके शर्मा ने वर्ष-2017 का चुनाव भाजपा के टिकट पर बदायूं की बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से लड़ा था. उन्हें इस चुनाव में 82070 मत मिले थे.
यहां से बसपा के मुसर्रत अली विट्टन को 55091, सपा के विमल कृष्ण अग्रवाल को 50848 मत मिले थे. करीब 27 हजार वोट से वह चुनाव जीत गए. नोएडा के बड़े कारोबारी पंडित आरके शर्मा ने सियासत में वर्ष 2007 में कदम रखा था. उन्होंने पहला चुनाव वर्ष-2007 में बरेली की आंवला विधानसभा सीट से लड़ा था.यहां उन्होंने भाजपा के विधायक एवं पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह को चुनाव हराया था. इस चुनाव में पंडित आरके शर्मा को 40129 वोट मिले थे.
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सपा प्रत्याशी बुलाकी राम मौर्य को 30750 और भाजपा के विधायक धर्मपाल सिंह को 29291, जबकि आईएमसी के ऋषिपाल सिंह को 11464 मत मिले थे. मगर, 2012 के चुनाव में बसपा ने बरेली मंडल में पंडित आरके शर्मा, पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम, पूर्व मंत्री अवधेश वर्मा और अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू का टिकट काट दिया था. अंतिम समय में टिकट कटने पर वह वर्ष-2012 का चुनाव नहीं लड़े थे. पंडित आरके शर्मा का आंवला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना तय है.उनके फ्लेक्स और होर्डिंग भी लग चुके हैं.
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बिल्सी विधायक पंडित आरके शर्मा को फोन पर जान से मारने की धमकियां मिली थी.उनको अलग-अलग नंबरों से 20 मई 23 मई और 29 मई-2018 को जान से मारने की धमकियां मिली थी. इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ था. मगर, इसके बाद वह काफी चर्चा में आए थे.हालांकि,पंडित वह काफी व्यवहार कुशल और अच्छे इंसान माने जाते हैं. सियासत में होने के बाद भी उनके विरोधी बहुत कम हैं.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद