Lucknow: स्थानीय निकाय चुनाव के संबंध में राज्य सरकार द्वारा गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है. शनिवार को आयोग की पहली बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें प्रदेशव्यापी सर्वेक्षण के संबंध में नीतियों और प्रक्रियाओं पर विमर्श हुआ.
बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत जस्टिस राम अवतार सिंह ने बताया कि निकाय चुनाव विषयक अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा. हाई कोर्ट के ट्रिपल-टी फार्मूले का भी आयोग अध्ययन करेगा. साथ ही त्रुटियों को भी देखा जाएगा.
राम अवतार सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण में सटीक डेटा प्राप्त हो, इसके लिए आयोग प्रदेश के सभी 75 जनपदों में जाएगा. जिलाधिकारी व रेवेन्यू अफसर से डाटा एकत्र करने में मदद ली जाएगी. अध्यक्ष ने बताया कि आयोग ढाई से तीन महीने में प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंप देगा तथा 5-6 महीने में पिछड़ा वर्ग आयोग के फॉलो-अप-एक्शन का कार्य पूर्ण हो जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयोग का गठन छह महीने की अवधि के लिए किया है. तय समय में काम पूरा कर लिया जाएगा.
सर्वेक्षण के परिणाम त्रुटिहीन हों, इसके लिए जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे. टीम जब जिलों में जाएगी तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी संवाद-संपर्क करेगी. साथ ही, आवश्यकतानुसार आयोग के सदस्य सचिव की ओर से फोन नंबर भी जारी किए जा सकते हैं.
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अध्यक्ष ने बताया कि शनिवार की बैठक में सभी सदस्यों की उपस्थिति रही. एक सदस्य की उपस्थिति वर्चुअल माध्यम से हुई. पहली बैठक में आयोग ने सर्वेक्षण के लिए आगे की प्रक्रिया और पद्धति पर विचार किया है. आयोग ने अब विधिवत कामकाज शुरू कर दिया है. बैठक हर दिन होगी. उन्होंने बताया कि यह बिल्कुल नया काम है, ऐसे में सभी बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद ही कार्रवाई की जाएगी. आयोग मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्यों के संबंधित मामलों का भी अध्ययन करेगा.
बैठक में नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, निदेशक नेहा शर्मा, निदेशक सूडा राजेन्द्र पेन्सिया, अपर निदेशक मो. असलम अंसारी, मुख्य अभियन्ता राजवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.