UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को वाराणसी कोर्ट से बड़ी झटका लगा है. वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. माफिया मुख्तार अंसारी फिलहाल यूपी की बांदा जेल में बंद हैं. कोर्ट ने उन्हें आर्म्स एक्ट मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है. गौरतलब है कि वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने कल यानी मंगलवार को ही मुख्तार अंसारी को साढ़े तीन दशक पुराने मामले में दोषी करार दिया था. आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है.
फर्जी हस्ताक्षर से लिया था लाइसेंस
बता दें कि 1987 में गाजीपुर में एक बंदूक के लाइसेंस लेने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लिया गया था. वहीं, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने अंसारी पर केस दर्ज किया था. इस मामले में 27 फरवरी को बहस पूरी हुई थी. कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया है. वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट के जस्टिस अवनीश कुमार गौतम ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. MP MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को आईपीसी की धारा 428, 467, 468, 120 बी और 30 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है.
डीएम और एसपी की फर्जी साइन कर ली थी लाइसेंस
बता दें, मुख्तार अंसारी ने जून 1987 में एक दोनाली बंदूक के लिए गाजीपुर डीएम के ऑफिस में आवेदन किया था. अंसारी ने डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये लाइसेंस ले लिया था. जब ये मामला खुला तो पुलिस ने मुख्तार अंसारी व तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. जांच के बाद 1997 में मुख्तार अंसारी व क्लर्क गौरी शंकर श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. हालांकि, सुनवाई के दौरान क्लर्क गौरी शंकर की मौत हो गई थी.