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UP Budget Expectations: काशी के लोगों को अच्छे दिनों की उम्मीद, हथकरघा कारीगरों ने मांगी बिजली पर सब्सिडी…

काशीवासियों को उम्मीद है कि बजट में धार्मिक नगरी के लिए बड़ी सौगात होगी. वहीं कई लोगों ने आम आदमी को राहत दिए जाने की अपील की है. साथ ही वाराणसी के हथकरघा श्रमिकों ने अपने व्यवसाय और कारोबार के लिए बिजली पर सब्सिडी की मांग की है.

Varanasi: नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट से उत्तर प्रदेश को कई अपेक्षाएं हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी. उनके बजट पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों ने अपनी भावनाएं जाहिर की हैं.

काशीवासियों को उम्मीद है कि बजट में धार्मिक नगरी के लिए बड़ी सौगात होगी. वहीं कई लोगों ने आम आदमी को राहत दिए जाने की अपील की है. साथ ही वाराणसी के हथकरघा श्रमिकों ने अपने व्यवसाय और कारोबार के लिए बिजली पर सब्सिडी की मांग की है, जिससे उनके कारोबार में आ रही दिक्कतें दूर हो सकें और उन्हें आर्थिक बोझ से निजात मिले.

काशी निवासी हथकरघा कारीगर मोहम्मद हनीफ हंसारी ने कहा कि बिजली पहले की तरह सब्सिडी वाली होनी चाहिए. लोग इस उद्योग को छोड़ रहे हैं और अन्य नौकरियों की तलाश कर रहे हैं. इस पर सरकार को ध्यान देने के साथ मदद करनी चाहिए. नहीं तो हमारे कारोबार में और गिरावट आएगी.

वहीं हथकरघा कारीगर अब्दुल कलाम आजाद ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चुनौती बिजली है. कुछ साल पहले बिल 75 रुपये प्रति लूम हुआ करता था. वह सब्सिडाइज्ड रेट था. लेकिन, अब यह 300 रुपये है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार पुरानी सब्सिडी वाली दरों को वापस लाएगी. उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार हमारी मांग पूरी करती है, तो यहां हमारा पावर लूम का कारोबार बढ़ेगा। हम अपनी कुछ कमाई बचा सकते हैं.’

बनारसी साड़ी निर्माता और हथकरघा कार्य से जुड़े अन्य लोग कोविड के कारण बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं और उन्हें इस केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. करीमुद्दीन अंसारी ने कहा कि हमें ठीक से बिजली प्रदान की जानी चाहिए. मैं मानता हूं कि सरकार हमें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कर रही है. लेकिन, भ्रष्टाचार के कारण हमें वे नहीं मिलती हैं. इसलिए सरकार को इसके बारे में कुछ करना चाहिए.

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वाराणसी के ही सुनील जायसवाल ने कहा कि सरकार को आयकर की सीमा बढ़ानी चाहिए. इससे आम आदमी को राहत मिल सकेगी. वहीं स्थानीय व्यवसायी एसके सिंह ने कहा कि हमने जिस महामारी का सामना किया है, उसे देखते हुए बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए.

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