कोरोनावायरस संकट में मिशन वंदे भारत के तहत कई प्रवासी भारतीय विदेशों से भारत लाए गए हैं. लॉकडाउन है, ऐसे में एयरपोर्ट से अपने घर जाने के लिए उन्हें कैब या टैक्सी नहीं मिल रही. ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सामने आयी. कहा कि नोएडा-गाजियाबाद से जाने वाले प्रवासी भारतीयों को हम कैब सर्विस देंगे. साथ में ये भी कहा कि कहा कि एयरपोर्ट से 250 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी जाना हो, तो कम से कम 10 हजार रुपये देने होंगे. वहीं इससे अधिक दूरी होने पर 40 रुपए प्रति किमी की दर से एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जाएगा. यह किराया सियाज कार के लिए है. टैक्सी में सिर्फ दो लोगों को बैठाने की व्यवस्था ही होगी.
राज्य परिवहन विभाग के पत्र में विदेश से भारत लौटे उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए किराए की पूरी सूची जारी की गई है. इसमें बसों के साथ साथ टैक्सी का किराया भी शामिल है. एचटी की खबर के मुताबिक, इनोवा जैसी कार की बुकिंग के लिए पहले 250 किमी के लिए लगभग 12,000 रुपए खर्च करने होंगे. यहां प्रति किमी. अतिरिक्त सफर के लिए 50 रुपए का भुगतान करना होगा. इसके अलावा एसी बस की सुविधा भी रोडवेज मुहैया कराएगा. 100 किमी के दायरे में जाने के लिए एक सीट के लिए 1500 रु का भुगतान करना होगा. वहीं आगे 101-200 किमी के लिए दोगुना किराया होगा.
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक बस में केवल 26 यात्री बिठाए जाएंगे. यात्रियों की सहूलियत के लिए रोडवेज ने गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर डिपो की लगभग 15 बसों को इस काम मे लगाया है. हालांकि उपरोक्त किरायों की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. टैक्सी या बसों के किराये से संबधित आधिकारिक रूप से एक भी पत्र सामने नहीं आय़ा है.
भाषा के मुताबिक, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण में 31 देशों से 30,000 भारतीयों की स्वदेश वापसी होगी. इसके लिए 16 मई से 22 मई के बीच 149 विमानों का संचालन किया जाएगा. वंदे भारत मिशन के पहले चरण में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस सात मई से 14 मई के बीच 64 विमानों का परिचालन किया. इसके तहत 12 देशों से 14,800 भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है. हालांकि, इसके लिए उनसे किराया वसूला गया है.