Amroha News: इंडिया में दावत खाने का गजब का क्रेज है, उसमें भी अगर बारात के पकवान मिल जाएं तो कहना ही क्या, लेकिन मामला तब बिगड़ जाता है, जब किसी कार्यक्रम में रिलेटिव से ज्यादा फ्री की दावत उड़ाने वाले पहुंच जाते हैं. ऐसे में दोनों ही पक्षों को ये पहचानना मुश्किल हो जाता है, कि सामने गुलाब जामुन उड़ा रहा बंदा किसकी ओर से है, लेकिन अमरोहा जिले के लोगों ने इसका तोड़ निकाल लिया है. आइए विस्तार से बताते हैं आखिर माजरा क्या है.
दावत में फ्री का उड़ाने वालों पर टूटा दुखों का पहाड़, बारात में आधार कार्ड अनिवार्य, यकीन न हो तो देंखे VIDEO pic.twitter.com/Mv9QkgWWBq
— Sohit Trivedi (@SohitSharma05) September 26, 2022
दरअसल, अमरोहा के कस्बा हसनपुर में एक शादी समारोह का कार्यक्रम चल रहा था, लेकिन जब खाना खाने की बारी आई तो बारातियों की तादाद उम्मीद से ज्यादा हो गई. दु्लहन पक्ष के लोग खाने को लेकर चिंतित होने लगे और हों भी क्यों न किसी भी कार्यक्रम का आयोजन आने वाले लोगों के हिसाब से ही किया जाता है, ताकि उसी हिसाब से खाना तैयार किया जा सके. ऐसे में लोगों की भीड़ बढ़ते देख दुलहन पक्ष के लोगों ने शर्त रख दी कि जिस मेहमान के पास आधार कार्ड होगा, उसे ही खाना खाने के लिए पंडाल में एंट्री मिलेगी. अब जिनके पास आधार कार्ड था उन्हें तो खाने की थाली तक पहुंचने का गोल्डन चांस मिल गया.
अब किसी शादी समारोह में सभी रिलेटिव आधार कार्ड तो लेकर जाते नहीं, ऐसे में कुछ लोगों के पास आधार कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें खाना नहीं मिल सका. इसके लिए उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई. दूल्हा पक्ष के लोग इस तरह की शर्त को अपनी बेइज्जती मानने लगे. हालांकि, बाद में दोनों पक्षों की सूझबूझ से जो लोग छूट गए उन्हें भी किसी तरह खाना खिलाया गया. इस दौरान किसी ने इस पूरे मामले का वीडियो बना लिया, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से लोग आधार कार्ड दिखाकर प्रवेश पा रहे हैं. वायरल वीडियो 21 सितंबर की बताई जा रही है, और यह पूरा मामला हसनपुर कस्बे का है, जहां एक बारात आई हुई थी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बारात में खाने वालों की संख्या इसलिए ज्यादा हो गई, क्योंकि उसी मोहल्ले में एक दूसरी बारात भी आई हुई थी. लोगों का कहना है, दूसरी बारात में देरी से खाना स्टार्ट होने के कारण लोग पहली वाली बारात में खाना खाने पहुंच गए, जहां खाने का कार्यक्रम पहले शुरू हो चुका था. ऐसे में यहां अधिक लोगों के आने से व्यवस्था बिगड़ गई.
मेहमानों की भीड़ बढ़ते देख वधु पक्ष के लोगों ने खाना खिलाना बीच में रोक दिया और शर्त रख दी कि बिना आधार कार्ड के एंट्री नहीं मिलेगी. वधु पक्ष के लोगों को उस समय अपने मेहमानों की पहचान करने का यही तरीका सबसे सही लगा. हालांकि, ये आइडिया उन मेहमानों पर भारी पड़ते पड़ते बचा जो बिना आधार कार्ड के चले आए थे. बाद में दूल्हा पक्ष के लोगों द्वारा पहचान किए जाने पर सभी को खाना खिला दिया गया.