Agra News: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में मधुमेह रोगियों (Diabetic Patients) पर एक स्टडी की गई है. जिसमें सामने आया है कि जो मधुमेह रोगी सुबह और रात में मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं उनका शुगर लेवल अनियंत्रित होता जा रहा है, और जो लोग कम मोबाइल चलाते हैं उनका शुगर लेवल कंट्रोल में है.
एसएन मेडिकल कॉलेज में द जनरल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया में एक स्टडी प्रकाशित की गई. जिसमें एसएन के मेडिकल विभाग के डॉक्टर प्रभात अग्रवाल और डॉ आशीष गौतम ने 2019 से 2021 तक करीब 545 मधुमेह रोगियों पर नजर रखी है. जिसमें सामने आया है कि जो मधुमेह रोगी मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करते हैं उनके शुगर का स्तर सही नहीं है.
डॉ प्रभात अग्रवाल और डॉ आशीष गौतम द्वारा दो ग्रुप बनाए गए जिसमें एक ग्रुप में उन मधुमेह रोगियों को चिन्हित किया गया जिनका शुगर लेवल नियंत्रित था, और दूसरे में उनको रखा गया जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित था. साथ ही इन सभी मरीजों के फोन में मोबाइल स्क्रीन टाइम यूज ऐप डाउनलोड कर दी गई. इन दोनों ग्रुप में 30-30 मरीज थे. करीब 3 महीने बाद ऐप की मदद से इनके मोबाइल चलाने के समय और घंटे का आकलन किया गया.
वहीं इन सभी मरीजों की एचबीएवन सी की जांच कराई गई और फिर मोबाइल के डाटा और इस जांच का आकलन किया गया. जिसके बाद जानकारी मिली की जिन मरीजों का शुगर अनियंत्रित था वह सुबह 9 बजे और रात में 10 बजे के बाद देर रात तक मोबाइल चलाते थे. वहीं उन्होंने करीब 160 मिनट से ज्यादा लगातार मोबाइल का इस्तेमाल किया.
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इन मरीजों का एचबीए 1 सी 7 से 8 के बीच में मिला. जबकि इसका सामान्य स्तर 6.5 से कम होना चाहिए. और दूसरी तरफ जिन मरीजों का शुगर नियंत्रित था वह सिर्फ दिन में मोबाइल चलाया करते थे. यह लोग 10 बजे के बाद मोबाइल का प्रयोग नहीं करते थे, और 24 घंटे में करीब 100 मिनट के आसपास मोबाइल का इस्तेमाल किया करते थे.
मधुमेह रोगियों में शुगर स्तर अनियंत्रित होने का कारण पता करने पर जानकारी मिली कि मोबाइल से इन मरीजों की नींद पूरी नहीं हो रही थी, जिससे स्ट्रेस हार्मोन और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ यह लोग टहलने भी नहीं जा पाते इसकी वजह से ऐसे में इन मरीजों में hba1c 6.5 से कम मिला.
चिकित्सकों का कहना है कि, मधुमेह रोगियों को सुबह जल्दी उठकर टहलने के लिए जाना चाहिए और मोबाइल को भूलकर रात को जल्दी सोना चाहिए. वहीं उनका कहना है कि दिन में उन्हें 15 से 20 मिनट तक ही मोबाइल चलाना चाहिए. जितना वह मोबाइल से ब्रेक लेंगे उतना जल्दी ही वह अपने शुगर स्तर को सही रख सकेंगे.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा